100 + की उम्र में भी गजब का तेवर; मिलिए Abdul Hamid के दोस्त से। देखा है गुलामी के दिन व आजादी का आंदोलन।
भारत पाक युद्ध में पाकिस्तान के पैटर्न टैंकों कौ नेस्तनाबूत करने वाले परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद के साथ गुल्ली डंडा खेला है 100 + की उम्र वाले तेरसू चौहान ने।
तेरसू चौहान जी ने जवानी के दिनों में किया है कुओं का निर्माण। गाय चराते थे।
पीपल पाकड़ बरगद का गोदा/फल खाते थे। घोटा रोटी का भी उल्लेख करते हैं वार्ता के दौरान।
काफी गरीबी में जीवन पला था।
किस तरह से सिंचाई के लिए रहट, पूर और ढेकुल चलते थे उसे भी बताया।
आज भी इनके पास बैलों से खेती होती है।
इन की झोपड़ी में गौरैया का आशियाना है। पुरानी डलिया और मानस का गुटका भी है जिसे बिना चश्मा के वह पढ़ लेते हैं।
परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद के दोस्त तेरसू चौहान हमीद साहब के साथ गुल्ली डंडा भी खेले थे। अब्दुल हमीद जी के गांव धामूपुर से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर इनका गांव अमारी रेलवे क्रॉसिंग के पास है।
तेरसू चौहान का घर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद में जखनिया तहसील का कोदिल शाहपुर गांव है।
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Негізгі бет 100 + की उम्र में भी गजब का तेवर; मिलिए Abdul Hamid के दोस्त से! देखा है गुलामी के दिन।
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