2 September की फुल अपडेट
आज हमारी लगभग 10 लोगों की एक टीम दिल्ली पहुंची थी। यह सभी लोग इंडिया गेट पार्क में एकत्रित होने के बाद कुछ लोग सबसे पहले चिराग पासवान और कुछ लोग सिंधिया सर के आवास गए। लेकिन मौसम खराब होने और तेज बारिश के कारण दोनों में से किसी राजनेता ने हमें ज्यादा समय नहीं दिया।अपितु बहुत कम समय के अंतराल में दोनों से बातें तो हुई पर दोनों तरफ से एक ही जवाब था कि हम लोग आपका मैटर देख रहे हैं मंत्री जी से बात चल रही है।
इसके बाद दोनों अपने गाड़ी में बैठकर अपने गंतव्य स्थान के लिए चले गए।
इसके बाद हमारी पूरी टीम रेल मंत्री के आवास पहुंच गए जहां जाकर अभय और सुशील ने वहां के पीए से हमारे सभी बातें रखी। सुशील ने कहा कि हमारे 200 बंदे गुरुद्वारा में पहुंचे हुए हैं और हम लोग केवल इतने लोग सर से मीटिंग करने के लिए आए हैं और हमारी पहले भी ओएसडी कर के साथ मीटिंग हो चुकी है। कृपया हमारी मीटिंग संभव हो तो रेल मंत्री जी से करवा दीजिए या फिर कम से कम ओएसडी से करवा दीजिए। स्थिति को देखते हुए वहां के पीएम ने हमारी मीटिंग EDEN रविंद्र कुमार से करवा दी क्योंकि आज के तारीख में ओएसडी रेल भवन में मौजूद नहीं था।
दोपहर के बाद अभय और सुशील का साक्षात्कार रविंद्र कुमार से रेल भवन में हो गया। और इस बार हमारे बंदों ने थोड़ी भी हिचकिचाहट या डर ना दिखाते हुए रविंद्र कुमार पर पूरी तरह से हावी हो गए थे। और अपने अंदर की पूरी भड़ास रविंद्र कुमार के सामने निकाल दी।अभय ने उसकी पद की गरिमा से उसे अवगत करा दिया कि अगर हम आपके कुर्सी पर रहते तो जैसी हमारी स्थिति हुई वैसा स्थिति में बननेही नहीं देता।
रविंद्र कुमार ने स्थिति को भांपते हुए और अपने क्रोध पर काबू करते हुए झल्लाहट के साथ यह कह दिया कि हमने सभी आरसी को रिप्लेसमेंट पैनल के थ्रू मैक्सिमम B2 और C1 वाले लड़कों को एडजस्ट करने के लिए कह दिया है। जिसमें हार्डली 200 से 250 लडको का एडजस्टमैंट हो जाएगा। बाकी आपकी फाइल रेल भवन के 22 तारीख के मीटिंग के आधार पर मंत्री जी के सामने जा चुकी है। अगर मंत्री जी अप्रूवल कर देते हैं तो शायद सभी का पैनल आ जाए। पर इसकी मैं गारंटी नहीं दे सकता। यह मंत्री जी के ऊपर निर्भर है।
कुल मिलाकर दोस्तों हमारी आज की सारी कहानी का निष्कर्ष यह निकलता है कि हम ऐसे कगार पर खड़े हैं जहां से सिर्फ हम आगे ही बढ़ सकते हैं नीचे तो ऑलरेडी गिरे ही हुए है।
दोस्तों ध्यान से मेरी बात को समझो अगर इस प्वाइंट से अगर हम सब अपनी यूनिटी, अपना भीड़,अपना पावर, अपना यूनियन, और एक जोर का झटका बस एक बार रेल प्रशासन के सामने रख दे तो मंत्री जी को अप्रूवल देने में क्षणिक भी देरी नहीं लगेगी। और रेल मंत्री मजबूर हो जाएगा हम सब एक-एक बंदों को जॉइनिंग लेटर इशू करवाने के लिए।
दोस्तों सफलता ऐसे ही अर्जित की जाती है सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। इसकी बहुत सारे लेवल होती है जिसे लांघ कर ही हमें आगे की ओर बढ़ना पड़ता है चाहे देरी जितनी ही क्यों ना लगे।
और मेरा मन कहता है कि हम लोग अब माउंट एवरेस्ट के शिखर पर चढ़ने से बस मात्र कुछ इंच पीछे है जहां से एक बार अपना पूरा बल लगाने से या तो चोटी पर चढ़ जाएंगे या तो सीधे पहाड़ से लुढ़कते हुए सीधे खाई में गिर जाएंगे।
दोस्तों अब पूरा का पूरा आप सब लोगों पर डिपेंड है कि आप लोग अपने आगे के 30 साल के भविष्य को किस रूप में देखना चाहते हैं।
अगर आप लोग को सच में यह रेलवे ग्रुप डी की नौकरी चाहिए तो कम से कम 250 से 300 लड़कों को आगामी प्लान के लिए तैयार रहना चाहिए। अब बस एक बार जोड़ का झटका अगर रेल मंत्री को लग जाए तो विश्वास मानो दोस्तों हमारे पास भी रेलवे का आई कार्ड होगा जिसे हम गले पर पहन सकते हैं।
हमारा अगला प्लान संभवत 18 सितंबर को होने की पूरी संभावना है जिसकी पुष्टि कल कर दी जाएगी।
जय हो।
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