हम उस दौर में हैं जहां थूकना और चाटना दोनों मास्टरस्ट्रोक बन चुका है. मास्टरस्ट्रोक नहीं तो कम से कम सर्जिकल स्ट्राइक तो बन ही चुका है. थूकने और चाटने के इस दोतरफा कंपटीशन के विजेता हमारे घोघाबसंत खबरिया चैनल और उसके हुड़कचुल्लू एंकर-एंकराएं हैं. इस दौर में वही लोग साहिबे मसनद हैं जो दोतरफा बयानबाजी कर सकते हैं. चित भी मेरी-पट भी मेरी. ऐसे लोगों से हमारी खबरिया चैनलों और सियासत की दुनिया भरी पड़ी है. #rbi ने छह साल, छह महीने बाद 2000 के गुलाबी नोटों को बंद करने की घोषणा की है. इस मौके पर थूकने और चाटने के तमाम उस्तादों का चेहरा हमारे सामने आ गया है.
गत दिनों बागेश्वर धाम वाले #dhirendrashastri के आगे-पीछे जिस तरह से भाजपा के शीर्ष नेताओं ने लाइन लगाकर पानी भरा उसे देखते हुए आशंका बढ़ गई है कि आने वाले दिनों में बिहार की सियासत में धर्म का विकृत रूप देखने को मिलेगा. एक अदने से कर्मकांडी बाबा की आरती उतारने की होड़ नेताओं में दिखी. सरकार का विकल्प कोई कर्मकांडी बाबा नहीं हो सकता. सरकार अगर जनता की उम्मीदों को पूरा करने में असफल रही है तो इसकी वजहें बहुत सारी हैं. उनमें से एक वजह #sudhirchaudhary जैसे एंकर और आज तक जैसे तमाम चैनल भी हैं जिन्होंने सरकार की जी-हुजुरी की दौड़ में जनता के मुद्दों से दूरी बना ली है. धीरेंद्र शास्त्री बस भटकाव का साधन है जिसे सुधीर चौधरी और अन्य एंकर एंकराए रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं.
इस हफ्ते की रिपोर्ट : • Ground Report: Bundelk...
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Негізгі бет 2000 की नोटबंदी और Bageshwar Dham वाले बाबा के चरणों में Media NL Tippani 149
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