बुद्ध के अनुसार अज्ञान ही दुःखों का मूल कारण हैं। कारण समुदय ही दुःख समुदय कहलाता हैं। इसी समुदय के कारण जन्म-मरण होता है, अतः इसे जन्म-मरण चक्र, भव-चक्र भी कहते हैं। दुःख समुदय के 12 अंग हैं, अतः इसे द्वादश निदान भी कहा जाता हैं।
- 2 жыл бұрын
290 # बुद्ध तथा उनके सन्देश - जब बुद्ध ने दुख को दूर करने के उपाय बताया,अविद्या 77 विषय Skadagami 81
- Рет қаралды 14,396
Пікірлер: 29