आप सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं। इस खास मौके पर हम आपको मुखातिब करवाने जा रहे हैं एक ऐसे शिक्षक से जो अपनी ज्ञान की ज्योति और कुशल मार्गदर्शन से विद्यालयांे की तस्वीर और विद्यार्थियांे की तकदीर बदलने में लगे हुए हैं।
हिसार जिले के गांव सातरोड़ा खास के गवर्नमेंट गल्र्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बतौर हिन्दी प्रवक्ता काम कर रहे श्री सतीश कुमार भी इसी सोच के धनी हैं। सतीश कुमार जी मूल रूप से हिसार के गांव कंवारी के रहने वाले हैं। इनके पिताजी श्री प्रहलाद राम भी पेशे से अध्यापक रहे हैं और सतीश जी के व्यक्तित्व पर उनकी गहरी छाप है। इनका अपने पेशे के प्रति इतना लगाव है कि जिस स्कूल में वो अध्यापन के लिए जाते हैं वहां की तस्वीर बदल देते हैं। चाहे सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता रैली निकालने की बात हो, या विषय हो महाविद्यालय के सौंदर्यीकरण का, हर जगह सतीश जी की सक्रिय भागीदारी रहती है। चित्रकारी और सुलेख लेखन भी इनका पसंदीदा काम है।
स्कूल की तरफ से समय-समय पर निकाली जाने वाली जागरूकता रैलियों में अपने हाथों से नारे लिखकर तख्ती तैयार करते हैं। दरअसल अच्छी हैंडराइटिंग इन्हें अपने पिताजी से विरासत में मिली है और अब स्कूल के बच्चांे में वे इस कौशल का विकास कर रहे हैं। सतीश जी के परिवार के ज्यादातर सदस्य अध्यापन के पेशे में हैं और एक-दूसरे का भरपूर सहयोग भी करते हैं। कहते हैं हर सफल आदमी के पीछे एक औरत का काफी सहयोग रहता है। सतीश जी को भी अपनी धर्मपत्नी मंजू का भरपूर साथ मिलता है और वे उन्हें अपनी सफलता में बराबर का हकदार मानते हैं। श्रीमती मंजू देवी भी पेशे से टीचर हैं और अपने कर्तव्य का ईमानदारीपूर्वक निर्वाह कर रही हैं।
सतीश जी कई सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए हैं और निरंतर सामाजिक उत्थान के कार्यों मंे लगे रहते हैं। उनकी इसी सेवा भावना की वजह से उन्हें कई मंचों पर सम्मानित भी किया जा चुका है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी सतीश कुमार जी एक अच्छे लेखक तो हैं ही साथ ही गायकी से भी इनका गहरा नाता है। कविताएं, हरियाणवी रागनी और कव्वाली लिखते भी हैं और मंच पर इनकी प्रस्तुति से खूब वाहवाही भी लूटते हैं।
विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने में सतीश जी दिन-रात एक कर देते हैं। बेस्ट स्टडी मैटिरियल अवेलेबल करवाना, एक्सट्रा क्लासेस लेना और विद्यार्थियांे के सामान्य ज्ञान पर ध्यान देना उनकी पहली प्राथमिकता रहती है। जब मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से 2009 में नेशनल मीन्स कम मेरिट स्काॅलरशिप शुरू की गई तो मास्टर सतीश ने विद्यार्थियों को इस स्कीम के बारे में बताया और परीक्षा की तैयारी भी करवाई। यह सतीश जी की अथक मेहनत और निरंतर प्रयासों का ही नतीजा है कि 2009 से लेकर अब तक उनके मार्गदर्शन में की गई तैयारी के परिणामस्वरूप विभिन्न विद्यालयांे के 135 विद्यार्थियों को यह छात्रवृत्ति मिल चुकी है।
जिस भी विद्यालय में उनका तबादला होता है वे विद्यार्थियांे को मेरिट स्काॅलरशिप की तैयारी के लिए मोटिवेट करते हैं। वर्ष 2017 में तो उन्हांेने एक शानदार रिकाॅर्ड कायम किया। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, खानक में ज्वाॅयन करने के बाद उन्हांेने विद्यार्थियांे को नेशनल मीन्स कम मेरिट स्काॅलरशिप देने के लिए प्रेरित किया और इन पर खूब मेहनत भी की। परिणाम यह हुआ कि पूरे हरियाणा प्रदेश मंे इस स्काॅलरशिप के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, खानक से सबसे ज्यादा 17 बच्चों का चयन हुआ। सतीश जी की कार्यशैली और उपलब्धियों की हर तरफ चर्चा होती है और वे हम सभी के लिए सोर्स आॅफ इंसपिरेशन बने हुए हैं। शिक्षक दिवस के इस खास मौके पर उन्होंने मास काॅम जंक्शन के साथ विशेष बातचीत की। आइए, शिक्षा और शिक्षा जगत से जुड़े विभिन्न सवालांे पर उनके विचार जान लेते हैं।
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Негізгі бет 550. Interview of an Ideal teacher - Mr. Satish Kumar I Teachers' Day I Success Story of a Teacher
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