पश्चिमी घाट में वेल्लियांगिरी पर्वत की तलहटी में हरे भरे खेतों से घिरी आदियोगी शिव प्रतिमा, प्रसिद्ध हिंदू देवता शिव को समर्पित दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है, जिसे 500 टन स्टील से उकेरा गया है। तमिलनाडु के कोयंबटूर में ईशा योग परिसर में स्थित यह मूर्ति 112 फीट की ऊंचाई पर खड़ी है।
गिनीज वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने प्रतिमा को "सबसे बड़ी बस्ट मूर्तिकला" के रूप में मान्यता दी है, जो 45 मीटर लंबी और 7.62 मीटर चौड़ी 34.3 मीटर लंबी है। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक- सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा डिजाइन किया गया। मूर्ति का निर्माण योग को प्रेरित करने और बढ़ावा देने के विचार के साथ किया गया था, और प्रतिमा को "आदियोग" कहा जाता है जिसका अर्थ है "प्रथम योगी" क्योंकि भगवान शिव को योग के प्रवर्तक के रूप में जाना जाता है।
-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
अगर आपको हमारा विषय पसंद आया है, तो कृपया हमारी कड़ी मेहनत को बढ़ावा देने के लिए, हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें। यह हमें और अधिक विभिन्न विषय पर काम करने के लिए प्रेरित करेगा।
आपका धन्यवाद
अपना प्रभात
/ apnaprabhat
#आदियोग #adiyogishivastatue #APNA_PRABHAT #अपना_प्रभात
/ apnaprabhat
@APNA PRABHAT
Негізгі бет Adiyogi || PART 1 || आदियोग || भाग १ || APNA PRABHAT || अपना प्रभात
Пікірлер: 1