अगर आपका मन और इंद्रियां वश में है तो वह मित्र है और यदि वश में नहीं तो शत्रु है।#sudhanshujimaharaj
Sudhanshu ji Maharaj Bhakti,satsang
Негізгі бет अगर आपका मन और इंद्रियां वश में है तो वह मित्र है और यदि वश में नहीं तो शत्रु है।
अगर आपका मन और इंद्रियां वश में है तो वह मित्र है और यदि वश में नहीं तो शत्रु है।#sudhanshujimaharaj
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