#dholak #matkod #Vivah
प्रस्तुत पारम्परिक, अति प्राचीन, लुप्तप्राय गीत, विवाह समारोह के दौरान गाया जाता है. विवाह समारोह के दौरान, जब 'मटकोड', 'लावा-भुजाई' जैसी रस्म निभाने के समय जब महिलाएं समूह में जाती हैं, तो सबसे पहले 'ढोलक' की पूजा की जाती है. प्रस्तुत गीत इसी 'ढोलक-पुजाई' की रस्म के समय गाया जाता है.
'मटकोड', विवाह समारोह में एक रस्म होती है 'मिट्टी कोड़ने' की..... मिट्टी को किसी शुद्ध स्थान से ला कर मंडप में एक चूल्हे का निर्माण किया जाता है. उसी चूल्हे पर 'कुंवारेपन का भात' बनता है, जिसे दूल्हा/दुल्हन को विवाह से पूर्व (दोपहर के आसपास) खिलाया जाता है ।
Негізгі бет Музыка ऐ बिसनाथ बाबा दुआरे बाजे / ढोलक पुजइया / Dholak Pujai / पारम्परिक विवाह गीत / Bhojpuru Geet / vivah
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