ऐसे बनाए दिवाली में जादुई महालक्ष्मी पोटली....
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लक्ष्मी पोटली, जिसे लक्ष्मी पर्स या लक्ष्मी बैग के रूप में भी जाना जाता है, एक पारंपरिक भारतीय सहायक वस्तु है जो समृद्धि और प्रचुरता का प्रतीक है। इसका उपयोग अक्सर भारत में त्योहारों और शुभ अवसरों के दौरान किया जाता है, खासकर रोशनी के त्योहार दिवाली के दौरान।
पोटली एक छोटा ड्रॉस्ट्रिंग बैग है जो समृद्ध कपड़े, आमतौर पर रेशम या ब्रोकेड से बना होता है, और जटिल कढ़ाई, मोतियों, सेक्विन या ज़री के काम से सजाया जाता है। डिज़ाइन और पैटर्न अक्सर देवी लक्ष्मी, कमल के फूल, या अन्य शुभ प्रतीकों जैसे धार्मिक रूपांकनों को दर्शाते हैं।
इस दिव्य लक्ष्मी पोटली में हमे 42 चीज़े रखनी है। पहले हमे गणेश लक्ष्मी जी का चांदी का सिक्का रखना है,उसके बाद इसमें हमे कुछ कोड़ियां रखनी है।(कोड़ियां ३,५,७ कि मात्रा में रख सकते हैं।)
लक्ष्मी पोटली को धन का प्रतीक माना जाता है और माना जाता है कि इसे ले जाने या प्रार्थना कक्ष में रखने पर सौभाग्य, भाग्य और आशीर्वाद मिलता है। यह अक्सर देवी लक्ष्मी को प्रसाद के रूप में कीमती रत्नों, चावल या सिक्कों से भरा होता है।
लक्ष्मी पोटली न केवल समृद्धि और प्रचुरता का प्रतीक है, बल्कि एक सुंदर पारंपरिक सहायक वस्तु भी है जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करती है।
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