ऐसी मुरली बजाई मेरे कान्हा मैं तुझ में मगन यूं हो गई... ऐसी धुन जो सुनाई मेरे श्यामा मैं ख्वाबों में तेरे को गई... खो गई श्याम खो गई...
माखन चुरावे गोकुल का ग्वाला... मटकिया तोड़ी जावे नंद का ये लाला... ऐसी नजरे मिलाई मेरे श्यामा, मैं तेरी दीवानी हो गई... ऐसी मुरली बजाई मेरे कान्हा मैं तुझ में मगन यूं हो गई...
यमुना किनारे आया सांवरिया, देख के मुझे मुस्काया सांवरिया... तिरछी नजरे मिलाई मेरे श्यामा, मेरी लाज शर्म सब खो गई... ऐसी मुरली बजाई मेरे कान्हा मैं तुझ में मगन यूं हो गई...
मोर मुकुट श्याम रूप निराला, गौआं चरावे यशोदा का लाला... ऐसी प्रीत लगाई मेरे कान्हा, मैं प्रेम में तेरी हो गई... ऐसी मुरली बजाई मेरे कान्हा मैं तुझ में मगन यूं हो गई...
ऐसी मुरली बजाई मेरे कान्हा मैं तुझ में मगन यूं हो गई...
ऐसी मुरली बजाई मेरे कान्हा | Esi Murali Bajai | Harsh Parmar
Негізгі бет लिरिक्स सहित- ऐसी मुरली बजाई मेरे कान्हा | Esi Murali Bajai | Harsh Parmar
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