न पीने का शौंक था, न पिलाने का शौंक था
हमें तो बस नज़रें मिलाने का शौंक था
मगर क्या करें हम तो नज़रें उन्हीं से मिला बैठे
जिन्हे नज़रों से पिलाने का शौंक था
और जिसको वो ही पीला दे तो, तो आइये उसकी क्या दशा होती है देखते है प्रिय विनोद जी के द्वारा
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