परमात्मा को पहचान सकते हैं | वो भी उसके गुणों की पहचान कर सकते हैं और उन गुणों को हम बार बार अहसास करते रहने से वही गुण हमारे अन्दर भी स्थाई होने लग जाते हैं | उस परमात्मा के गुण ही अमर और परम शान्त ,स्थिरता वाले हैं की जिनको हम अपने में अहसास करके इच्छाओं से मुक्त हो सकते हैं |क्यों कि परमात्मा इच्छाओं से मुक्त है |और हम इच्छाओं से भरे पड़े हैं |
केवल हम इन गुणों को पहचान कर वही गुण अपने में लाकर उस जैसा बन सकते हैं |तो समझो हम परमात्मा जैसे ही बन गये | हम परमात्मा को देख नहीं सकते आज तक कोई भी ऐसा पैदा ही नहीं हुआ और न ही पैदा होगा |
Негізгі бет akah anam prmatma || akah anam parmatma || अकह अनाम परमात्मा || akah anam pramatma ||
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