अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) एक अनूठी पहल है. यह अंतरिक्ष में अब तक की सबसे बड़ी परियोजना है. 20 नवंबर, 1998 को इसका पहला हिस्सा कक्षा में भेजे जाने के बाद से, ISS ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं.
यह डॉक्युमेंट्री उस अद्वितीय ऐतिहासिक स्थिति की जांच करती है जिसने ISS के निर्माण को संभव बनाया. डॉक्युमेंट्री में विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्रियों से सीधे बातचीत कर उन चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है जिनका ISS के क्रू ने वर्षों से सामना किया है, जैसे कि लंबे समय तक महिला अंतरिक्ष यात्री स्पेस वॉक नहीं कर सकीं क्योंकि महिलाओं के लिए उपयुक्त स्पेस सूट उपलब्ध नहीं थे. फिल्म यह भी दिखाती है कि कैसे यूक्रेन युद्ध जैसे राजनीतिक संकटों का प्रभाव ISS जैसी बंद और छोटी जगह पर महसूस किया गया. फिर भी, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन इस बात का सबूत है कि देश, एक जैसे अद्भुत लक्ष्यों के लिए एक साथ काम कर सकते हैं. यही कारण है कि इसे "मानवता की सबसे मूल्यवान मशीन" कहा गया है. लेकिन अंत तेजी से नजदीक आ रहा है. यह परियोजना 2024 में समाप्त होने वाली थी, लेकिन अमेरिकी सरकार ने 2030 तक ISS के संचालन को जारी रखने पर सहमति दी है. 2031 में, अंतरिक्ष स्टेशन को नियंत्रित डी-ऑर्बिटिंग प्रक्रिया के माध्यम से पृथ्वी पर वापस लाया जाना है.
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Негізгі бет अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन: एक अनूठी अंतरिक्ष परियोजना [The ISS]। DW Documentary हिन्दी
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