गुरु से कर मेल गंवारा, क्या सोचे बारम्बारा।। जब पार उतरना चाहिए, तब केवट से मिलि रहिये।। जब उतरि जाय भवपारा, तब छूटै यह संसारा।। गुरु से कर मेल … जब दर्शन करना चाहिए, तब दर्पण माँजत रहिये ।। जब दर्पण लागत काई, तब दर्श कहाँ ते पाई ।। गुरु से कर मेल… जब गढ़ पर बजी बधाई, तब देख तमासे जाई।। जब गढ़ बिच होत सकेला, तब हंसा चलत अकेला।। गुरु से कर मेल… कहैं कबीर देख मन करनी, वा के अंदर कतरनी।। कतरनी के गांठि न छूटै, तब पकड़ि के जम लूटैं।। गुरु से कर मेल………… ।।
@bhupendrapatel585
2 жыл бұрын
जब दर्शन करना चाहिए, तब दर्पण माँजत रहिये, जब दर्पण लागत काई, तब दर्श कहाँ से पाई। गुरु से कर.... जब गढ़ पर बजी बधाई, तब देख तमासे जाई, जब गढ़ पर होत सकेला, तब हंसा चले अकेला। गुरु से कर.... कहें कबीर देख मन करनी, वा के अंदर कतरनी, कतरनी के गाँठि न छूटे, तब पकड़ी के जम लूटें।
@abhimanyusahani2519
Жыл бұрын
आप सभी को दिल से धन्यवाद
@sahadevawadan4727
3 ай бұрын
बहुत सुंदर❤
@thatonetruth
Жыл бұрын
अभी तक कम से कम 100 बार तो सुन चुका हूँ फिर भी हर बार एक नयापन मिलता है❤❤
@Jagriti-x4h
Жыл бұрын
कोटि कोटि नमन आचार्य श्री ।
@akash31428
2 жыл бұрын
इतने सुंदर भजन से इतने सुंदर तरीके मिलवाने के लिए आपका आभार। 🌼🌼
@GauravSingh-gaurav
21 күн бұрын
🙏🙏🙏
@Akhil_nishad
5 жыл бұрын
superb..... mind blowing.... lovely.... fantasticcccccc….
@pareshmishra1185
6 жыл бұрын
आप की मधुर आवाज में कबीर साहब के भजन का आनंद दोगुना हो जाता है नमन
@peacefulmind6609
11 ай бұрын
अति उत्तम ❤
@guruprasadyadav4580
2 жыл бұрын
Dhanyawad!!!!!!!!!
@skishu01
2 жыл бұрын
अति उत्तम अनुश्री जी 🙏🙏
@vishalsoam3814
6 жыл бұрын
Amazing composition and beautifully sung 🌺
@rohitsharma01-f7x
3 жыл бұрын
बहुत दिनों बाद सुना। प्रणाम आचार्य जी 🙏😔
@SureshYadav-kd8zs
2 жыл бұрын
Dhanyawad apka
@dhimananjali8274
2 жыл бұрын
💙💙💙💙
@manjeet.bhashkar7810
3 жыл бұрын
Guru ji pranam
@ajitesh2375
6 жыл бұрын
सुंदर भजन 🙏
@Akhil_nishad
5 жыл бұрын
स्वर्ग से भी बढकर
@EDUCATIONALBABA
2 жыл бұрын
बहुत खूब
@KirtiYadav-d1w
2 ай бұрын
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@komalsahu-kt3tb
5 ай бұрын
Nice dii
@thinksapiens4796
2 жыл бұрын
❤
@彡V彡-h5q
4 жыл бұрын
Mindblowing
@akash31428
2 жыл бұрын
गुरु से कर मेल गंवारा गुरु से कर मेल गंवारा, क्या सोचे बारम्बारा।। जब पार उतरना चाहिए, तब केवट से मिलि रहिये।। जब उतरि जाय भवपारा, तब छूटै यह संसारा।। गुरु से कर मेल ... जब दर्शन करना चाहिए, तब दर्पण माँजत रहिये ।। जब दर्पण लागत काई, तब दर्श कहाँ ते पाई ।। गुरु से कर मेल... जब गढ़ पर बजी बधाई, तब देख तमासे जाई।। जब गढ़ बिच होत सकेला, तब हंसा चलत अकेला।। गुरु से कर मेल... कहैं कबीर देख मन करनी, वा के अंदर कतरनी।। कतरनी के गांठि न छूटै, तब पकड़ि के जम लूटैं।। गुरु से कर मेल............ ।। गुरु कबीर साहब
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