अनुबक्या - मेरा मन अपने ईश्वर में आनंद मानता है,
1. मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है, मेरा मन अपने मुक्ति दाता ईश्वर में आनंद मानता है, क्योंकि उसने अपनी दासी की दीनता पर दयादृष्टि की है, अब से सब पीढ़ियों मुझे धन्य कहेंगी।
2. क्योंकि सर्वशक्तिमान ने मेरे लिए महान कार्य किये हैं , पवित्र हैं उसका नाम उसकी कृपा अपने श्रद्धालु भक्तों पर पीढ़ी- दर- पीढ़ी बनी रहती है।
3. उसने दरिंदों को सम्पन्न किया और धनियों को खाली हाथ लौटाया है। उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार, अपने दास इस्राएल की सुधा ली है।
Негізгі бет Anubakya - Mera man Ishwar mein Anand manata hai.
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