AAP के liquor scam की वजह से मीडिया इत्यादि में खूब तहलका मचा लेकिन किसी ने भी उस scam की बुनियाद में छुपे MAHA SCAM का ज़िक्र भी नहीं किया।
सन 1996 में बनायी मेरी यह फ़िल्म में दर्शाये तथ्य आपको इस निष्कर्ष तक पहुँचायेंगे कि अंग्रेज़ी शासन काल से चली आ रही भारत सरकार की LIQUOR POLICY ही अपने आप में MAHA SCAM है!
हमारे संविंधान के Directive Principles में Prohibition लागू करने की ज़िम्मेदारी state को सौंपी गयी है.
तो फिर शराब के व्यापार में सरकारों की इतनी सक्रिय भूमिका क्या unconstitutional ना हुई?
क्या यह जायज़ है की हमारी राज्य सरकारें Liquor Tax पर इतनी dependent बना दी गयी हैं कि लोग शराब पीना बंद करना चाहें तो सरकारे कंगाली की दुहाएँ देती है? और जनता के विरोध के बावजूद, जबरन दारू दुकानें खुलवाती हैं?
जो सरकारी तन्त्र शराब को बेचने में इतनी ग़ज़ब की सक्रिय भूमिका निभाता है कि देश भर में शराब के ठेके की नीलामियाँ करवाकर करोड़ों अरबों रुपया वसूलता है, क्या वही तन्त्र शराब बंदी का काम अपने हाथ में लेने की क्षमता रखता है ?
बढ़ते शराबीकरण को रोकने के लिए क्या सरकार द्वारा लागू Prohibition ही उपयुक्त माध्यम है?
या कुछ और उपाए ढूंढने की ज़रुरत है ?
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