To fir atithiyo ko anuband ke aadhar par july or agast 2024 ka pura vetan. Dena chahiye
@SachinDarwai
Ай бұрын
12 महीने का अनुबंध होना चाहिए ये क्या दिया कुछ भी नहीं
@ayushjhawar9741
Ай бұрын
अबे जो मिल रहा है लेले
@dalbeersingh4576
Ай бұрын
सर जी जिन अतिथि शिक्षकों ने चॉइस फिलिंग कर ली है उन्हें प्रतिवर्ष 10 अंक का लाभ कैसे मिलेगा स्कोरकार्ड में वह जो अतिथि शिक्षक सीधी भर्ती में बाहर हुए उन्हें प्राथमिकता कैसे मिलेगी please sar reply
@rajendra.kumarkori0175
Ай бұрын
गुरू जी तरह 62 वर्ष तक पद स्थाई होना चाहिए, ताकि सही से शिक्षण कार्य कर सके किसी प्रकार भय न हो अतिथि शिक्षकों के मन में।।
@LOKESH-k8f
Ай бұрын
Tet वालों को फिर 200 देना चाहिए
@starrock5818
Ай бұрын
इतने ही योग्य अपने आप को बताते हैं अतिथि शिक्षक, तो वर्ग 1,2,3 के परीक्षा में चयन क्यु नहीं ले पाये, आरक्षण मिलने के बाद भी, लोगो को बिना किसी परीक्षा के फ्री में नौकरी चाहिए😂 बाकी नये नये छात्र कहा जायेंगे जो तैयारी कर रहे इनको फ्री में टीचर बना दिया जाए बिना किसी परीक्षा के तो | 3 साल से बहुत सारे छात्र अतिथि बनने के लिए ही कोसिस कर रहे हैं लेकिन उनको बही नहीं मिल पा रही और इन लोगो को बिना परीक्षा अध्यापक बन्ना है | ऐसे तो हमें भी जॉब दे दो varg 2 टीईटी में 116 नंबर है सामान्य श्रेणी
@ramdulare5474
Ай бұрын
App ko jada atithi ki phikra ho to sarkar jo 17 sal se seva le rahi to band kara do
@brijendrakumarsahu7191
Ай бұрын
Yogya Na hote kitne salon se karyrat nahin hota
@mahendrasingh-vu9du
Ай бұрын
Umhe Kiya babashur he atith ne seva ki he
@deepchandyadav6229
Ай бұрын
12 महीने का अनुबंध होना चाहिए और नियमित हमें कितने माह में करेंगे यह अनुबंध होना चाहिए
@jitendrarajawat5174
Ай бұрын
150 अंक नहीं जुड़ने चाहिए ऐसा हुआ तो टीईटी पास को 200 अंक देना चाहिए
@vikashahirwal1627
Ай бұрын
Right
@balwantpawar836
Ай бұрын
सही बात
@balwantpawar836
Ай бұрын
आंदोलन करो नही तो अब tet वाले हम क्या करेंगे ।
@atulbagri2589
Ай бұрын
Tet Wale utho nhi to barbaad kr denge
@surbhiraghuwanshi5819
Ай бұрын
exam अभी तक जो हुए हैं वही 150 और 100 marks के हुए हैं, कितने marks और चाहिए? थोड़ी तो शर्म कर लो। Tet ctet passed लाखों अभ्यर्थी हैं। पहले तो खुद उस फॉर्म पर इन लोगों ने sign किए जिसमे साफ लिखा था कि ये अतिथि पोस्ट है कभी भी बहाली हो जाएगी जब नव नियुक्ति होगी। रजामंदी दे दी सबने और नौकरी करने लगे। ये लोग नेता की बात में लग गए और दोष सरकार को दे रहे हैं, जब शिवराज सिंह ने बोला था तब वो सिर्फ एक प्रत्याशी थे,cm नहीं थे। जिस शिवराज ने इन लोगों को लालच दिया नियमित होने का, वही शिवराज लाडली बहनों को फ्री का पैसा देने का वादा करके सटक लिए। अब प्रदेश का जो पैसा salary देने में लगता, वो तो लाडलियों में बंट रहा है। इसे बंद किया अगर मोहन सरकार ने तो वो भी इन्ही अतिथियों के जैसे सड़क पर आकर रोने लगेंगी। प्रदेश के लोगों को फ्री का खाने की आदत डाल दी शिवराज सिंह ने। सरकार के पास funds ही तो नहीं हैं इसी कारण इतने साल अतिथियों से काम चला रही है, पैसा होता तो हर साल vacancy निकलती, न अतिथि शिक्षक इतने समय तक लगे रहते और न अभ्यर्थी नौकरी की vacancy का हर साल इंतजार करते। अब Reservation है ही इन अतिथि शिक्षकों के पास (ये जो विभागीय परीक्षा की मांग कर रहे हैं, तो reservation में कोई बाहर का थोड़ी आयेगा, इनका competition तो आपस का ही है ना), choice filling में प्राथमिकता मिली हुई है (ज्यादा marks होने पर भी non-guest candidate को वो स्कूल नहीं मिलता जो उससे कम marks वाले guest teacher को मिलता है, अगर दोनो ने same भरा है तो), Bonus marks का भी प्रावधान मिल गया (1 साल के 10 bonus marks- 2018 का exam 150 marks का था, 2023 का 100 marks का ) मतलब जिसने 5 साल नौकरी की उसे सीधे 50 marks मिल रहे और जिसने 10 साल उसे 100 marks इन्हे सिर्फ exam में attendance लगाने जाना है, permanent ही तो होंगे। लेकिन नहीं, ये लोग तब भी संतुष्ट नहीं हैं, ये इतने लालची और बेईमान हैं कि ये सीधे permanent होना चाहते हैं, उन मेहनती अभ्यर्थियों का शोषण करना चाहते हैं जो इस इंतजार में हैं कि vacancy आयेगी। सोचने वाली बात है कि reservation, प्राथमिकता और bonus marks होने के बाद भी exam से ये डर क्यों रहे हैं? अगर ये वाकई योग्य teachers हैं तो इतनी facility मिलने पर भी exam तो निकाल ही लेंगे न! अगर ये सच में उन बच्चों के भविष्य का सोचते हैं तो ये उन बच्चों को ऐसे शिक्षक क्यों देना चाहते हैं जो इतनी facilities के साथ भी exam न निकाल पा रहे हों? अगर कोई शिक्षक 80% result दे रहा है कक्षा में तो जाहिर सी बात है कि exam निकाल ही लेगा। ये सत्य की लड़ाई नहीं लालची और बेईमान लोगों की लड़ाई है जो मेहनती युवाओं के लिए अवसर छीन कर अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं और खुद को बेचारा भी बता रहे हैं। मुझे तो आप ये समझा दो कि 70000 भी नहीं, अगर 50000 को भी permanent कर दिया तो सरकार आगे भर्ती निकालेगी कैसे ?
@arunhindustani8208
Ай бұрын
अगली मांग ये है कि जिन्होंने TET पास नहीं किया है उन अतिथि शिक्षकों को बाहर किया जाए जो 10 से 15 साल पढ़ाने के बाद भी बच्चों और उसके विषय से संबंधित पेपर नहीं निकला वो किस काम अतिथि शिक्षक है। जिस तरह की ये मांग करके आए हैं उसी बात से समझ आता है कि ये अब तक क्यों नियमित नहीं हुए 😂😂 अरे bkl 150 का तो टोटल एग्जाम ही होता है और इन चमन लोगों को 150 अनुभव के चाहिए भले ही पात्रता परीक्षा में 75 न आए हों
@surbhiraghuwanshi5819
Ай бұрын
@@arunhindustani8208 ये सोचना पड़ेगा कि 70000 भी नहीं, अगर 50000 को भी permanent कर दिया तो सरकार आगे भर्ती निकालेगी कैसे ? जिस शिवराज ने इन लोगों को लालच दिया नियमित होने का, वही शिवराज लाडली बहनों को फ्री का पैसा देने का वादा करके सटक लिए। अब प्रदेश का जो पैसा salary देने में लगता, वो तो लाडलियों में बंट रहा है। इसे बंद किया अगर मोहन सरकार ने तो वो भी इन्ही अतिथियों के जैसे सड़क पर आकर रोने लगेंगी। प्रदेश के लोगों को फ्री का खाने की आदत डाल दी शिवराज सिंह ने। सरकार के पास funds ही तो नहीं हैं इसी कारण इतने साल अतिथियों से काम चला रही है, पैसा होता तो हर साल vacancy निकलती, न अतिथि शिक्षक इतने समय तक लगे रहते और न अभ्यर्थी नौकरी की vacancy का हर साल इंतजार करते। पहले तो खुद उस फॉर्म पर इन लोगों ने sign किए जिसमे साफ लिखा था कि ये permanent post नही है, कभी भी बहाली हो जाएगी। खुद रजामंदी देके अब अतिथि कहने लगे permanent कर दो। इन्हे तो रखा ही इसलिए था कि कम पैसों में काम चलता रहे वर्ना इनसे बहुत ज्यादा योग्य अभ्यर्थी फॉर्म का पैसा जमा करके exam निकाल के उस अच्छी salary को deserve करते हैं। और Reservation है ही इन अतिथि शिक्षकों के पास (ये जो विभागीय परीक्षा की मांग कर रहे हैं, तो reservation में कोई बाहर का थोड़ी आयेगा, इनका competition तो आपस का ही है ना), choice filling में प्राथमिकता मिली हुई है (ज्यादा marks होने पर भी non-guest candidate को वो स्कूल नहीं मिलता जो उससे कम marks वाले guest teacher को मिलता है, अगर दोनो ने same भरा है तो), Bonus marks का भी प्रावधान मिल गया (1 साल के 10 bonus marks- 2018 का exam 150 marks का था, 2023 का 100 marks का ) मतलब जिसने 5 साल नौकरी की उसे सीधे 50 marks मिल रहे और जिसने 10 साल उसे 100 marks इन्हे सिर्फ exam में attendance लगाने जाना है, permanent ही तो होंगे। लेकिन नहीं, ये लोग तब भी संतुष्ट नहीं हैं, ये इतने लालची और बेईमान हैं कि ये सीधे permanent होना चाहते हैं, उन मेहनती अभ्यर्थियों का शोषण करना चाहते हैं जो इस इंतजार में हैं कि vacancy आयेगी। अगर ये सभी guest teachers permanent हुए तो कम से कम 10 साल तक teaching की कोई vacancy सरकार निकाल नहीं पाएगी। सोचने वाली बात है कि reservation, प्राथमिकता और bonus marks होने के बाद भी exam से ये डर क्यों रहे हैं? अगर ये वाकई योग्य teachers हैं तो इतनी facility मिलने पर भी exam तो निकाल ही लेंगे न! अगर ये सच में उन बच्चों के भविष्य का सोचते हैं तो ये उन बच्चों को ऐसे शिक्षक क्यों देना चाहते हैं जो इतनी facilities के साथ भी exam न निकाल पा रहे हों? अगर कोई शिक्षक 80% result दे रहा है कक्षा में तो जाहिर सी बात है कि exam निकाल ही लेगा। ये सत्य की लड़ाई नहीं लालची और बेईमान लोगों की लड़ाई है जो मेहनती युवाओं के लिए अवसर छीन कर अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं और खुद को बेचारा भी बता रहे हैं।
@PrakashchandraAcharya-i4s
Ай бұрын
सभी बेरोजगारों से निवेदन है की एकजुट होकर कोर्ट ने जाकर अपने हक के लिए कोर्ट में चलाना चाहिए सरकार के इन मनमाने निर्णय का विरोध कर इनकी फर्जी नियुक्ति बंद हो
@surbhiraghuwanshi5819
Ай бұрын
Guest teacher का मतलब ही होता है अतिथि शिक्षक इस से साफ जाहिर है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बनने की रजामंदी इन लोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं? ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे अपने आप को एक सही शिक्षक कह सकेंगे? अब अगर ex सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के या congress govt के वादे के कारण ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm या congress office जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं, फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है, counselling में भी प्राथमिकता दी हुई है। इस सब के बाद भी धरना देकर permanent post की नौकरी हासिल करने की ये जंग फिजूल है। ये इन सब की काबिलियत को नहीं बल्कि शॉर्टकट से बिना मेहनत के मोटी salary की डिमांड को दर्शाता है। ये अपने पढ़ाए हुए बच्चों को भी यही संदेश दे रहे हैं कि किसी कक्षा में ज्यादा सालों तक बैठे हो और exam निकाल पाने की कुब्बत न हो तो आमरण अनशन करके पास होने के लिए आंदोलन कर देना, अगली class में promote हो जाओगे।
@ramdulare5474
Ай бұрын
Sabhi verojgar logo ko sarkar ghar naukri dene aygi
@krishnaamule260
Ай бұрын
Anubandh wala Aadesh jaari karvayein please 🙏🏻🙏🏻
@vijendrasingh2759
Ай бұрын
12 मा का सेवा करो 62 वर्ष तक होना चाहिए सर जी जब अतिथि शिक्षक जिंदाबाद रहेगा
@surbhiraghuwanshi5819
Ай бұрын
@@vijendrasingh2759 ये कैसे अतिथि हैं जो घर में आके घर के सदस्य जबरदस्ती बनने की जिद्द पर आ गए हैं। Guest teacher का मतलब ही होता है अतिथि शिक्षक इस से साफ जाहिर है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले अतिथि शिक्षक बनने की रजामंदी इन लोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। अनुभव के आधार पर bonus marks इन्हे अब मिलेंगे ही, आरक्षण पहले से ही मिलता है और choice filling में प्राथमिकता भी मिलती है। अब बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं? ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे अपने आप को एक सही शिक्षक कह सकेंगे? अब अगर ex CM शिवराज सिंह की बातों में लग के या congress govt के वादे के कारण ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm या congress office जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं, फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? ये इन सब की काबिलियत को नहीं बल्कि shortcut से बिना मेहनत के मोटी salary की डिमांड को दर्शाता है। ये अपने पढ़ाए हुए बच्चों को भी यही संदेश दे रहे हैं कि किसी कक्षा में ज्यादा सालों तक बैठे हो और exam निकाल पाने की कुब्बत न हो तो आमरण अनशन करके पास होने के लिए आंदोलन कर देना, अगली class में promote हो जाओगे।अपनी इस लड़ाई को ये लोग संघर्ष और सत्य की लड़ाई का नाम दे रहे हैं। ये सब लालची हैं जो बिना exam की तैयारी के permanent होने के प्रलोभन में आ गए और अब अपने लालच को सत्य की लड़ाई कह के खूब सरकार को दोषारोपण दे रहे हैं, मरने की धमकी दे रहे हैं।
@यशवंतचौहान-ढ4ण
Ай бұрын
Or abhi tak mandey nhi mila balki aadesh me diya tha ke 7 tarik ko bhuktan hoga
@Good-citizen03
Ай бұрын
ये अच्छी खबर नही बहुत बुरी खबर है इसका मतलब अब permanent. टीचर की भर्ती नही होगी जब 14000 की salary मे सरकार को टीचर मिल जाएंगे तो permanent भर्ती क्यों करेगी सरकार। अंधभक्तो ने मध्यप्रदेश के युवा का भाविस्य नस्ट कर दिया है जरा mp से बाहर निकलकर देखो दूसरे राज्यो मे कितनी कितनी भर्तियां हो रही है अभी बिहार मे 1 लाख शिक्षक की भर्ती हुई है फिर भी बो लोग और भर्ती की मांग कर रहे है और mp मे अतिथि मे ही खुश है हद्द है अंधभक्ति की।
@cricket_facts_with_ramkumar
Ай бұрын
नए बालो की ज्वाइनिंग जल्द से जल्द हो 🎉
@mahenarya7243
Ай бұрын
जिनके ऑफ लाइन सर्टिफिकेट बने है उनका डिजिटल सर्टिफिकेट नही बन रहा है जनजातीय कार्यविभाग के भी पोर्टल पर डिजिटल सर्टिफिकेट बनाये जाये ।
@Devendraray7762
Ай бұрын
1- शिक्षक भर्ती में 50% आरक्षण की बात तय हो जाती 2- विभागीय परीक्षा की बात होती तो, रैली सफल hoti 3- और नए अतिथि शिक्षकों की भर्ती जो फ्रेशर शामिल किए जा रहे हैं, इसको भी न बन्द करवा पाए, अरे जब पहले से 70,000 हजार अतिथि है, तो नए फ्रेशर को भर्ती में शामिल ही क्यो किया जा रहा है, कम से कम फ्रेशर की भर्ती पर ही रोक लग जाती इतना भी न करवा पाए और बात करते हैं 8 मागे पूरी हो गई
@surbhiraghuwanshi5819
Ай бұрын
@@Devendraray7762 हद्द होती है लालच की भी। मुझे तो आप ये समझा दो कि 70000 भी नहीं, अगर 50000 को भी permanent कर दिया तो सरकार आगे भर्ती निकालेगी कैसे ? जिस शिवराज ने इन लोगों को लालच दिया नियमित होने का, वही शिवराज लाडली बहनों को फ्री का पैसा देने का वादा करके सटक लिए। अब प्रदेश का जो पैसा salary देने में लगता, वो तो लाडलियों में बंट रहा है। इसे बंद किया अगर मोहन सरकार ने तो वो भी इन्ही अतिथियों के जैसे सड़क पर आकर रोने लगेंगी। प्रदेश के लोगों को फ्री का खाने की आदत डाल दी शिवराज सिंह ने। सरकार के पास funds ही तो नहीं हैं इसी कारण इतने साल अतिथियों से काम चला रही है, पैसा होता तो हर साल vacancy निकलती, न अतिथि शिक्षक इतने समय तक लगे रहते और न अभ्यर्थी नौकरी की vacancy का हर साल इंतजार करते। पहले तो खुद उस फॉर्म पर इन लोगों ने sign किए जिसमे साफ लिखा था कि ये permanent post नही है, कभी भी बहाली हो जाएगी। खुद रजामंदी देके अब अतिथि कहने लगे permanent कर दो। इन्हे तो रखा ही इसलिए था कि कम पैसों में काम चलता रहे वर्ना इनसे बहुत ज्यादा योग्य अभ्यर्थी फॉर्म का पैसा जमा करके exam निकाल के उस अच्छी salary को deserve करते हैं। और Reservation है ही इन अतिथि शिक्षकों के पास (ये जो विभागीय परीक्षा की मांग कर रहे हैं, तो reservation में कोई बाहर का थोड़ी आयेगा, इनका competition तो आपस का ही है ना), choice filling में प्राथमिकता मिली हुई है (ज्यादा marks होने पर भी non-guest candidate को वो स्कूल नहीं मिलता जो उससे कम marks वाले guest teacher को मिलता है, अगर दोनो ने same भरा है तो), Bonus marks का भी प्रावधान मिल गया (1 साल के 10 bonus marks- 2018 का exam 150 marks का था, 2023 का 100 marks का ) मतलब जिसने 5 साल नौकरी की उसे सीधे 50 marks मिल रहे और जिसने 10 साल उसे 100 marks इन्हे सिर्फ exam में attendance लगाने जाना है, permanent ही तो होंगे। लेकिन नहीं, ये लोग तब भी संतुष्ट नहीं हैं, ये इतने लालची और बेईमान हैं कि ये सीधे permanent होना चाहते हैं, उन मेहनती अभ्यर्थियों का शोषण करना चाहते हैं जो इस इंतजार में हैं कि vacancy आयेगी। अगर ये सभी guest teachers permanent हुए तो कम से कम 10 साल तक teaching की कोई vacancy सरकार निकाल नहीं पाएगी। सोचने वाली बात है कि reservation, प्राथमिकता और bonus marks होने के बाद भी exam से ये डर क्यों रहे हैं? अगर ये वाकई योग्य teachers हैं तो इतनी facility मिलने पर भी exam तो निकाल ही लेंगे न! अगर ये सच में उन बच्चों के भविष्य का सोचते हैं तो ये उन बच्चों को ऐसे शिक्षक क्यों देना चाहते हैं जो इतनी facilities के साथ भी exam न निकाल पा रहे हों? अगर कोई शिक्षक 80% result दे रहा है कक्षा में तो जाहिर सी बात है कि exam निकाल ही लेगा। ये सत्य की लड़ाई नहीं लालची और बेईमान लोगों की लड़ाई है जो मेहनती युवाओं के लिए अवसर छीन कर अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं और खुद को बेचारा भी बता रहे हैं।
@surbhiraghuwanshi5819
Ай бұрын
@@Devendraray7762 मुझे तो आप ये समझा दो कि 70000 भी नहीं, अगर 50000 को भी permanent कर दिया तो सरकार आगे भर्ती निकालेगी कैसे ? जिस शिवराज ने इन लोगों को लालच दिया नियमित होने का, वही शिवराज लाडली बहनों को फ्री का पैसा देने का वादा करके सटक लिए। अब प्रदेश का जो पैसा salary देने में लगता, वो तो लाडलियों में बंट रहा है। इसे बंद किया अगर मोहन सरकार ने तो वो भी इन्ही अतिथियों के जैसे सड़क पर आकर रोने लगेंगी। प्रदेश के लोगों को फ्री का खाने की आदत डाल दी शिवराज सिंह ने। सरकार के पास funds ही तो नहीं हैं इसी कारण इतने साल अतिथियों से काम चला रही है, पैसा होता तो हर साल vacancy निकलती, न अतिथि शिक्षक इतने समय तक लगे रहते और न अभ्यर्थी नौकरी की vacancy का हर साल इंतजार करते। पहले तो खुद उस फॉर्म पर इन लोगों ने sign किए जिसमे साफ लिखा था कि ये permanent post नही है, कभी भी बहाली हो जाएगी। खुद रजामंदी देके अब अतिथि कहने लगे permanent कर दो। इन्हे तो रखा ही इसलिए था कि कम पैसों में काम चलता रहे वर्ना इनसे बहुत ज्यादा योग्य अभ्यर्थी फॉर्म का पैसा जमा करके exam निकाल के उस अच्छी salary को deserve करते हैं। और Reservation है ही इन अतिथि शिक्षकों के पास (ये जो विभागीय परीक्षा की मांग कर रहे हैं, तो reservation में कोई बाहर का थोड़ी आयेगा, इनका competition तो आपस का ही है ना), choice filling में प्राथमिकता मिली हुई है (ज्यादा marks होने पर भी non-guest candidate को वो स्कूल नहीं मिलता जो उससे कम marks वाले guest teacher को मिलता है, अगर दोनो ने same भरा है तो), Bonus marks का भी प्रावधान मिल गया (1 साल के 10 bonus marks- 2018 का exam 150 marks का था, 2023 का 100 marks का ) मतलब जिसने 5 साल नौकरी की उसे सीधे 50 marks मिल रहे और जिसने 10 साल उसे 100 marks इन्हे सिर्फ exam में attendance लगाने जाना है, permanent ही तो होंगे। लेकिन नहीं, ये लोग तब भी संतुष्ट नहीं हैं, ये इतने लालची और बेईमान हैं कि ये सीधे permanent होना चाहते हैं, उन मेहनती अभ्यर्थियों का शोषण करना चाहते हैं जो इस इंतजार में हैं कि vacancy आयेगी। अगर ये सभी guest teachers permanent हुए तो कम से कम 10 साल तक teaching की कोई vacancy सरकार निकाल नहीं पाएगी। सोचने वाली बात है कि reservation, प्राथमिकता और bonus marks होने के बाद भी exam से ये डर क्यों रहे हैं? अगर ये वाकई योग्य teachers हैं तो इतनी facility मिलने पर भी exam तो निकाल ही लेंगे न! अगर ये सच में उन बच्चों के भविष्य का सोचते हैं तो ये उन बच्चों को ऐसे शिक्षक क्यों देना चाहते हैं जो इतनी facilities के साथ भी exam न निकाल पा रहे हों? अगर कोई शिक्षक 80% result दे रहा है कक्षा में तो जाहिर सी बात है कि exam निकाल ही लेगा। ये सत्य की लड़ाई नहीं लालची और बेईमान लोगों की लड़ाई है जो मेहनती युवाओं के लिए अवसर छीन कर अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं और खुद को बेचारा भी बता रहे हैं।
@anjubahuj8680
Ай бұрын
sir abhee tak dpi se order nahi hua h please
@surbhiraghuwanshi5819
Ай бұрын
Guest teacher का मतलब ही होता है अतिथि शिक्षक इस से साफ जाहिर है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बनने की रजामंदी इन लोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं? ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे अपने आप को एक सही शिक्षक कह सकेंगे? अब अगर ex सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के या congress govt के वादे के कारण ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm या congress office जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं, फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है, counselling में भी प्राथमिकता दी हुई है। इस सब के बाद भी धरना देकर permanent post की नौकरी हासिल करने की ये जंग फिजूल है। ये इन सब की काबिलियत को नहीं बल्कि शॉर्टकट से बिना मेहनत के मोटी salary की डिमांड को दर्शाता है। ये अपने पढ़ाए हुए बच्चों को भी यही संदेश दे रहे हैं कि किसी कक्षा में ज्यादा सालों तक बैठे हो और exam निकाल पाने की कुब्बत न हो तो आमरण अनशन करके पास होने के लिए आंदोलन कर देना, अगली class में promote हो जाओगे।
@AnkitaChondrul
Ай бұрын
Yes Your right
@ramdulare5474
Ай бұрын
App chahe mehnt karke first class officer ban gae ho
@surbhiraghuwanshi5819
Ай бұрын
@@ramdulare5474 तभी तो बोलने की कुब्बत रखती हूं भाई, इसलिए आपसे ज्यादा logical बात कर पा रही हूं।
@surbhiraghuwanshi5819
Ай бұрын
मुझे तो आप ये समझा दो कि 70000 भी नहीं, अगर 50000 को भी permanent कर दिया तो सरकार आगे भर्ती निकालेगी कैसे ? जिस शिवराज ने इन लोगों को लालच दिया नियमित होने का, वही शिवराज लाडली बहनों को फ्री का पैसा देने का वादा करके सटक लिए। अब प्रदेश का जो पैसा salary देने में लगता, वो तो लाडलियों में बंट रहा है। इसे बंद किया अगर मोहन सरकार ने तो वो भी इन्ही अतिथियों के जैसे सड़क पर आकर रोने लगेंगी। प्रदेश के लोगों को फ्री का खाने की आदत डाल दी शिवराज सिंह ने। सरकार के पास funds ही तो नहीं हैं इसी कारण इतने साल अतिथियों से काम चला रही है, पैसा होता तो हर साल vacancy निकलती, न अतिथि शिक्षक इतने समय तक लगे रहते और न अभ्यर्थी नौकरी की vacancy का हर साल इंतजार करते। अब अतिथि कहने लगे permanent कर दो। इन्हे तो रखा ही इसलिए था कि कम पैसों में काम चलता रहे वर्ना इनसे बहुत ज्यादा योग्य अभ्यर्थी फॉर्म का पैसा जमा करके exam निकाल के उस अच्छी salary को deserve करते हैं। और Reservation है ही इन अतिथि शिक्षकों के पास (ये जो विभागीय परीक्षा की मांग कर रहे हैं, तो reservation में कोई बाहर का थोड़ी आयेगा, इनका competition तो आपस का ही है ना), choice filling में प्राथमिकता मिली हुई है (ज्यादा marks होने पर भी non-guest candidate को वो स्कूल नहीं मिलता जो उससे कम marks वाले guest teacher को मिलता है, अगर दोनो ने same भरा है तो), Bonus marks का भी प्रावधान मिल गया (1 साल के 10 bonus marks- 2018 का exam 150 marks का था, 2023 का 100 marks का ) मतलब जिसने 5 साल नौकरी की उसे सीधे 50 marks मिल रहे और जिसने 10 साल उसे 100 marks इन्हे सिर्फ exam में attendance लगाने जाना है, permanent ही तो होंगे। लेकिन नहीं, ये लोग तब भी संतुष्ट नहीं हैं, ये इतने लालची और बेईमान हैं कि ये सीधे permanent होना चाहते हैं, उन मेहनती अभ्यर्थियों का शोषण करना चाहते हैं जो इस इंतजार में हैं कि vacancy आयेगी। अगर ये सभी guest teachers permanent हुए तो कम से कम 10 साल तक teaching की कोई vacancy सरकार निकाल नहीं पाएगी। सोचने वाली बात है कि reservation, प्राथमिकता और bonus marks होने के बाद भी exam से ये डर क्यों रहे हैं? अगर ये वाकई योग्य teachers हैं तो इतनी facility मिलने पर भी exam तो निकाल ही लेंगे न! अगर ये सच में उन बच्चों के भविष्य का सोचते हैं तो ये उन बच्चों को ऐसे शिक्षक क्यों देना चाहते हैं जो इतनी facilities के साथ भी exam न निकाल पा रहे हों? अगर कोई शिक्षक 80% result दे रहा है कक्षा में तो जाहिर सी बात है कि exam निकाल ही लेगा। ये सत्य की लड़ाई नहीं लालची और बेईमान लोगों की लड़ाई है।
@poornendrapatel6585
Ай бұрын
Very good sir.
@ajaysinghlodhi-ds2en
Ай бұрын
16_18 sal ho gaye 10 mah bad nikalte isme koun see nai bat hui hai moorkho
@santoshmyloveyou462
Ай бұрын
Number देने से नियमित थोड़ी हो जायेंगे मांग रखी वह तो उन्होंने मानी नहीं है जो पूर्ब मुख्यमंत्री जी द्वारा अतिथि शिक्षिको को आश्वासन दिया वह सब झूठा था
@ArunKumar-u9w2o
Ай бұрын
10ank Dena sabhi varg ke liye sahi nhi hai jisne jis varg me padaya hai usi varg me milna Chahaye
@surbhiraghuwanshi5819
Ай бұрын
@@ArunKumar-u9w2o ये सोचना पड़ेगा कि 70000 भी नहीं, अगर 50000 को भी permanent कर दिया तो सरकार आगे भर्ती निकालेगी कैसे ? जिस शिवराज ने इन लोगों को लालच दिया नियमित होने का, वही शिवराज लाडली बहनों को फ्री का पैसा देने का वादा करके सटक लिए। अब प्रदेश का जो पैसा salary देने में लगता, वो तो लाडलियों में बंट रहा है। इसे बंद किया अगर मोहन सरकार ने तो वो भी इन्ही अतिथियों के जैसे सड़क पर आकर रोने लगेंगी। प्रदेश के लोगों को फ्री का खाने की आदत डाल दी शिवराज सिंह ने। सरकार के पास funds ही तो नहीं हैं इसी कारण इतने साल अतिथियों से काम चला रही है, पैसा होता तो हर साल vacancy निकलती, न अतिथि शिक्षक इतने समय तक लगे रहते और न अभ्यर्थी नौकरी की vacancy का हर साल इंतजार करते। पहले तो खुद उस फॉर्म पर इन लोगों ने sign किए जिसमे साफ लिखा था कि ये permanent post नही है, कभी भी बहाली हो जाएगी। खुद रजामंदी देके अब अतिथि कहने लगे permanent कर दो। इन्हे तो रखा ही इसलिए था कि कम पैसों में काम चलता रहे वर्ना इनसे बहुत ज्यादा योग्य अभ्यर्थी फॉर्म का पैसा जमा करके exam निकाल के उस अच्छी salary को deserve करते हैं। और Reservation है ही इन अतिथि शिक्षकों के पास (ये जो विभागीय परीक्षा की मांग कर रहे हैं, तो reservation में कोई बाहर का थोड़ी आयेगा, इनका competition तो आपस का ही है ना), choice filling में प्राथमिकता मिली हुई है (ज्यादा marks होने पर भी non-guest candidate को वो स्कूल नहीं मिलता जो उससे कम marks वाले guest teacher को मिलता है, अगर दोनो ने same भरा है तो), Bonus marks का भी प्रावधान मिल गया (1 साल के 10 bonus marks- 2018 का exam 150 marks का था, 2023 का 100 marks का ) मतलब जिसने 5 साल नौकरी की उसे सीधे 50 marks मिल रहे और जिसने 10 साल उसे 100 marks इन्हे सिर्फ exam में attendance लगाने जाना है, permanent ही तो होंगे। लेकिन नहीं, ये लोग तब भी संतुष्ट नहीं हैं, ये इतने लालची और बेईमान हैं कि ये सीधे permanent होना चाहते हैं, उन मेहनती अभ्यर्थियों का शोषण करना चाहते हैं जो इस इंतजार में हैं कि vacancy आयेगी। अगर ये सभी guest teachers permanent हुए तो कम से कम 10 साल तक teaching की कोई vacancy सरकार निकाल नहीं पाएगी। सोचने वाली बात है कि reservation, प्राथमिकता और bonus marks होने के बाद भी exam से ये डर क्यों रहे हैं? अगर ये वाकई योग्य teachers हैं तो इतनी facility मिलने पर भी exam तो निकाल ही लेंगे न! अगर ये सच में उन बच्चों के भविष्य का सोचते हैं तो ये उन बच्चों को ऐसे शिक्षक क्यों देना चाहते हैं जो इतनी facilities के साथ भी exam न निकाल पा रहे हों? अगर कोई शिक्षक 80% result दे रहा है कक्षा में तो जाहिर सी बात है कि exam निकाल ही लेगा। ये सत्य की लड़ाई नहीं लालची और बेईमान लोगों की लड़ाई है जो मेहनती युवाओं के लिए अवसर छीन कर अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं और खुद को बेचारा भी बता रहे हैं।
@AnuragDipu-ge6cj
Ай бұрын
Tet walo ko 100 ank Dene chahiye to fir
@balwantpawar836
Ай бұрын
150 में से जो प्राप्त किये वही अंक दिए जाने चाहिए
@balwantpawar836
Ай бұрын
TET वालो भी आंदोलन करो अब
@SalmaKhan-p4g
Ай бұрын
Jo GT promotion se se bahar hu h choice feeling may prathmikata kaise milegi abhi to bhahar h 23-24may tak kam Kiya h result bhi 100rha h
@preetiawasthi4177
Ай бұрын
Sir short term me jo23-24me karyrat the unhe 24-25me koi moka nahi mila unki jagahbhi longterm show ho rahi
@rachnalodhi5056
Ай бұрын
Sir jisne majduri krke b ed d ed ki private school me pda rahe majburi guest ko hi sab kuch mila to b ed d ed bale vi sarko pe utrege
@VikramChaturvedi-yp2lw
Ай бұрын
सर जी शासकीय हाई स्कूल कठौंदा फाजलपुर राहतगढ़ ब्लाक जिला सागर सर जी इस स्कूल में अतिथि शिक्षक का रिफरेन्स कोड प्राप्त नहीं हो रहा है। इस के लिए क्या करें सर जी हम लोगों का जॉइनिंग नहीं हो पा रही है हम लोग काफी परेशान हो रहे हैं
@heeralalsahupadri1790
Ай бұрын
सर मेरा अनुभव स्कोर कार्ड मे नही दिख रहा है
@thakurgaming8070
Ай бұрын
इन सब मंगो का कोई मोल नही ह कुकी इन से भबिष्य सुरक्षित नही हो सकता । सत्र के बीच नही भी हटोगे पर अगले सत्र में बाहर हो जाओगे तो फिर क्या फायेदा
@UrmilaTripathi-j7y
Ай бұрын
Jo atisesh se baher hue h unko kese prathmikta milegi😂
@tufhanchouhanchouhan7797
Ай бұрын
10 माहा फिकस करके फिर उसके बाद सब कया घरबेढेगे
@AjaySingh-rc5dr
Ай бұрын
Tet pass walo ko 100 ank
@deepchandyadav6229
Ай бұрын
10 महीने का अनुबंध होगा और कोई शिक्षक आ जाएगा उसको नहीं हटाया जाएगा लेकिन अगले सत्र में क्या उसे अतिथि शिक्षक को हटाया जाएगा या नहीं हटाया जाएगा यह स्पष्ट कीजिए
@thakurgaming8070
Ай бұрын
हटा दिया जाएगा । उसकी जॉइनिंग ही नही की जाएगी ।
@thakurgaming8070
Ай бұрын
उसके पहले किसी परमानेंट टीचर को रख लिया जायेगा
@ramdulare5474
Ай бұрын
@@thakurgaming8070 shiksha mantri ho kya
@Mr_NP
Ай бұрын
Sb youtubers netao ki trh atithi shikshakon ki bhawano ke sath khelte hai Thumbnail to aise likhte hai jaise kitni badi khushkbhri ho Tm logo ko hamra support krna chaiye Ye koi khushkhabri nhi hai Sb kuch jante hue bhi ise khuskbhari khte ho
@ajittiwari2515
Ай бұрын
Post lock ho aththi ki aur 12 mah ka anubandh ho jab hi aththi safe hai nahi to sab baher hote jyege
@factfire23
Ай бұрын
M p distik chhod kar proptee bechkar doosre distrik me rahne lago yaha kee sarvis rul book bahut khrab hai naye aavedak ko koi moka nahi 😅😅😅
@dheerendrasinghbundela1023
Ай бұрын
Bhaisab mp tet or anubhaw ke ank add nahi ho rahey hi or tet anubhaw satyapan bhi hi kitney samay me add hotey hi batay bhaisab 2 din pahle hua hi very fiction batay bhaisab mp tet or anubhaw ke ank add nahi ho rahey new guest Bharti me bhag le rahey hi
@sulaxanaprajapat4193
Ай бұрын
Mujhe 9 August ko hataya Gaya Hai
@tarunsolanki3505
Ай бұрын
🇮🇳🙏
@bharatkakisan9921
Ай бұрын
Aadesh kub aayega
@amitsimnekar3959
Ай бұрын
Mtlb athithi, athithi hi rahega... Aao mahraj... Jao maharj...
@SalmaKhan-p4g
Ай бұрын
Sir jisne lock ho gaya h
@GovendrasinghGovendrasingh
Ай бұрын
Iska koi aadesh nahin aaya hai
@ravipardhi6887
Ай бұрын
Tribal ka kya hoga
@shalinisingh-gq1ip
Ай бұрын
Keval ek hi mang rakhni thi shivraj ke vade poore kiye jaye
@lovelyfamily8557
Ай бұрын
Ye 8 mang kisne mangi thi 😂😂😂 atithiyo ne sirf ak hi mang mangi hai niymitikaran.
@anjubahuj8680
Ай бұрын
tum kya jano atithiyo ne kitni mehnat kiya h
@anuraggupta1732
Ай бұрын
Ye koi mang thi hi ni ye to is bar ki gadbadi thi jo mang thi wo kuch ni sune
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