नमस्ते,
यह नाटक (औरत) 'भारतीय जन नाट्य संघ' की प्रस्तुति में नेहरू संस्कृतिक भवन सेक्टर-1, भिलाई, (छत्तीसगढ़) में प्रस्तुत किया गया।
इस नुक्कड़ नाटक में हमने यह दिखाने की कोशिश किए हैं कि किसी महिला को किस प्रकार से प्रताड़ित किया जाता है उसकी पढ़ाई लिखाई पर प्रतिबंध किया जाता है कम उम्र में शादी कर दी जाती है और कहीं-कहीं स्थानों पर ऐसा भी होता है की औरतों को नाबालिक की स्थिति में काम पर भेजा जाता है और कुछ कुछ स्थानों एवं स्थिति में सभी प्रकार से महिला को स्वतंत्र रूप से जीने का अधिकार नहीं दिया जाता तो हमारे साथी इस समस्या का समाधान किस प्रकार से कर सकें।
यह हमारे नुक्कड़ नाटक में दिखाया गया है।
कलाकार - नरेंद्र पटनारे, रोहित पाली, प्रियांशु शुक्ला, ज्योति भारती गोस्वामी (संजू), लेखा बंछोर, श्रीकांत पाठक,
समीर शर्मा, डोमेश, सोम साहू, अमित गजभिए, ताबिश, सुमित सतपति, अमिताभ शर्मा, अंशुमन, दानिश पाटील, पीयूष, प्रबल त्रिपाठी, पूजा बोरा, कविता पटेल, नेहा शुक्ला, शिवानी साहू, रोहित रेड्डी, गौरी।
विशेष सहयोग- राजेश श्रीवास्तव, किशोर, चित्रांश,चारु श्रीवास्तव।
इस घटना के सारे पात्र काल्पनिक हैं इसे निजी जीवन के साथ जोड़कर न देखा जाए धन्यवाद।
Негізгі бет "औरत" नुक्कड़ नाटक_ AURAT NUKKAD NATAK
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