फिल्म _ बाबा की खरी..
जौनसार बावर की यह कहानी सिर्फ पहाड़ों की कठिनाइयों और संघर्षों की ही नहीं है, बल्कि इस क्षेत्र की समृद्ध बोली और भाषा की भी है, जिसे आज की बदलती दुनिया में संरक्षित रखना आवश्यक है।
हमारी फिल्म एक साधारण व्यक्ति की कहानी के माध्यम से आपको इस क्षेत्र की भाषा और सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराएगी। जब इस व्यक्ति की पत्नी का देहांत हो जाता है, तो वह अपने तीन बच्चों के साथ जीवन की कठिन राहों पर चलता है। परन्तु, जीवन की इन कठिनाइयों के बीच, वह न केवल अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य की तलाश करता है, बल्कि अपनी बोली और संस्कृति को भी जीवित रखने का प्रयास करता है।
आज के समय में, जब आधुनिकता की दौड़ में लोग अपनी भाषा और परंपराओं को भूलते जा रहे हैं, यह फिल्म इस बात की याद दिलाती है कि हमारी भाषा हमारी पहचान है। जौनसार बावर की इस अनोखी कहानी के माध्यम से, हम आपको इस क्षेत्र की बोली की मिठास और इसकी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का संदेश देना चाहते हैं।
फ़िल्म _बाबा की खरी
D O P_ director & Editor_ Vikram tomar
Scriptwriter
& lead actor_ Sachin khanna
Films credit_ Rohit khanna ,
Rohit tomar,
Vijay Tomar,
Tarun Tomar,
divyansh tomar
Ambika Tomar
Sujeet Tomar
gajendra tomar ,
amar singh tomar,
jaman verma
shayam singh Tomar (syana)
and all villagers
#jaunsarbawar
#pahadisong
#suwa teri yaadon mein
Негізгі бет बाबा की खरी |JAUNSAR BAWAR BOLI BHASHA | SHORT FILM | | BABA KI KHARI | FIST EPISODE | @Pahadifilm
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