बूढाकेदार मंदिर उत्तराखंड के टिहरी जिले में बाल गंगा और धरम गंगा नदियों के संगम पर स्थित प्राचीन एवं पवित्र धार्मिक मंदिर है । “वृद्ध” (“पुराना”) केदार मंदिर और गंगा नदियों (स्थानीय तौर पर धर्म प्रयाग के रूप में जाना जाता है) के संगम पर एक मंदिर है | यह मंदिर नई टिहरी से मोटर मार्ग से लगभग 59 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | बुढाकेदार मंदिर भगवान शिव को समर्पित है | मंदिर के प्रवेश द्वार लकड़ी और पत्थर नक्काशी का एक शानदार संयोजन हैं । बूढ़ा केदार मंदिर में स्थित शिवलिंग की गहराई की नपाई अभी तक कोई नहीं कर पाया है परंतु ऊपरी ऊंचाई जमीन से लगभग 2 से 3 फीट की है इस , शिवलिंग पर भगवान शिव जी के अलावा कई अन्य आकृतियां भी बनी है जैसे कि माता पार्वती , भगवान गणेश , भगवान गणेश का वाहन मूषक , पांच पांडव , द्रोपदी , हनुमान और साथ ही मंदिर में भगवान केलापीर का निशान व माता दुर्गा की प्रतिमा भी रखी गई है | स्थानीय लोगों के अनुसार इस मंदिर में स्थित शिवलिंग का निर्माण मानव द्वारा नहीं बल्कि इस मंदिर में स्थित शिवलिंग की उत्पत्ति स्वयं हुई है , जो कि इस मंदिर को अपनी चमत्कारी शक्तियों के रूप में विशेष बनाती है |
यदि किसी को इस धाम के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी चाहिए तो इस मोबाइल नंबर पर सम्पर्क कर सकते हैं-
07060335015
विशेष धन्यवाद- शीशपाल राणा
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Негізгі бет Ойын-сауық बूढा केदार धाम- जहाँ पांडवों को गोत्रहत्या के पाप से मुक्ति मिली थी । Budha kedar dham
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