बेहद मार्मिक गैलहाई गीत | छूट गई नैहर की गलियां हो कब अउबै लौटि के | Gailhai Lokgeet | By Saraswati Vishwakarma | #bhartiya_lok_darshan #song #folksong
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फरमाइश कर्ता :- श्री रामानन्द नामदेव जी, ग्राम-अहिरगाँव, पोस्ट-हटवा, जिला-रीवा (मध्यप्रदेश)
यह गीत श्री रामानन्द नामदेव जी, ग्राम-अहिरगाँव, पोस्ट-हटवा, जिला-रीवा (म.प्र.) की फरमाइश पर सरस्वती विश्वकर्मा जी के द्वारा प्रस्तुत किया गया है | फरमाइश कर्ता श्री रामानन्द नामदेव जी ने इस फरमाइशी लोकगीत को अपनी पत्नी श्रीमती प्रिया जी को सुनाना चाहते है....💐💐
फरमाइश कर्ता श्री रामानन्द नामदेव जी, सहधर्मिणी श्रीमती प्रिया जी व नन्ही सी बेटी कुमारी साक्षी नामदेव जी जुग जुग जियें ईश्वर आप सभी को ईश्वर दीर्घायु प्रदान करें...
हमारी पूरी टीम की ओर से मंगल कामनाएं....
साथ ही साथ यह गीत मेरी पूरी यूट्यूब फैमिली को समर्पित है......
-आपकी लोकगायिका सरस्वती विश्वकर्मा
गीत : बेहद मार्मिक गैलहाई लोकगीत | छूट गई नैहर की गलियां हो कब अउबै लौटि के |
Song : Behad Marmik Gailhai Lokgeet | Chhoot Gayi Naihar Ki Galiya Ho Kab Aube Lauti Ke |
By Saraswati Vishwakarma |
गायक : सरस्वती विश्वकर्मा
(Singer : Saraswati Vishwakarma)
तबला : रमेश विश्वकर्मा
(Tabla : Ramesh Vishwakarma)
कैमरा & एडिट : सुशील विश्वकर्मा
(Camera & Edit By : Sushil Vishwakarma)
गैलहाई गीत |
(Gailhai Geet)
बघेली लोकगीत |
(Bagheli Lokgeet)
फरमाइशी गीत |
(Fatmaishi Geet)
बघेलखण्ड की लोक गीत |
(Baghelkhand Ki Lok Geet)
सरस्वती विश्वकर्मा की लोकगीत |
(Saraswati Vishwakarma Ki Lokgeet)
लोकगीत |
(Folksong)
Thanks For Watching....
(आपका धन्यवाद..)
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