जिस्म सौ बार जले, तब भी वही मिट्टी का ढेला
रूह इक बार जलेगी, तो वो कुंदन होगी
रूह देखहै, कभी रूह को महसूस किया है?...'
কন্ঠে: পার মিতা / paromita.pramanick
Негізгі бет বোঝাপড়া | Writer: Aveek Ray | Voice: Paro Mita |
जिस्म सौ बार जले, तब भी वही मिट्टी का ढेला
रूह इक बार जलेगी, तो वो कुंदन होगी
रूह देखहै, कभी रूह को महसूस किया है?...'
কন্ঠে: পার মিতা / paromita.pramanick
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