#दैनिक_नैतिक_प्रभात- 82/2024
04 अप्रैल 2024 (शनिवार)
#बाल_कहानी- #दोस्त
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किशोरी लाल एक किसान थे। उनके दो बेटे थे- जीवा और मोती। जीवा अपने पिता के काम में हाथ बँटाता था, पर मोती सिर्फ गाँव के दोस्तों के साथ घूमता और मौज मस्ती करता था।
गेहूँ की फसल पककर तैयार खड़ी थी। बस काटने की देरी थी। किशोरी लाल कई बार अपने दोनों बेटे जीवा-मोती से बोले-, " कि चलो, मिलकर फसल काट लें। किसी भी पल बारिश हो सकती है।" मोती ने कहा-, "हाँ, काट लेंगे पिताजी! अभी इतनी जल्दी क्या है?" किशोरी लाल बोले-, "तुम्हें क्यों चिन्ता है? तुम्हें तो अपने आवारा दोस्तों के साथ घूमने से ही फुर्सत नहीं मिलती है।"
अगले दिन तेजी से मौसम ने करवट ली और आसमान में काले-काले बादल छा गये। किशोरी लाल बुरी तरीके से घबरा गये और बिस्तर पर लेट गये। उनको लगा कि अब सब फसल बर्बाद हो जायेगी। पानी भरने से गेहूँ खराब हो जायेंगे।
जब मोती ने देखा कि पिताजी बिस्तर पर लेट गये हैं और घबरा गये हैं तो मोती तुरन्त गाँव में गया और अपने दोस्तों को यह सब बताया। उसके कई दोस्त तुरन्त उसके साथ आये और मोती के खेत में जाकर सबने मिलकर गेहूँ काटा।
दो घन्टे में उन्होंने पूरी फसल काट दी। बारिश होने से पहले ही सारी फसल घर पर पहुँच चुकी थी। मोती बोला-, " पिताजी! उठिये और देखिये- अब आप चिन्ता मत करिये। आपके सारे गेहूँ घर पर आ गए हैं।" किशोरी लाल ने देखा तो उन्हें बहुत खुशी हुई। मोती के सारे दोस्त पास में ही खड़े थे। किशोरी लाल ने कहा-, "बेटा! मैंने तुम सबको बहुत गलत समझा था। आज मुझे पता लगा है कि दोस्ती बहुत बड़ी चीज होती है।"
मोती और उसके दोस्तों ने कहा-, "पिताजी! कोई बात नहीं है। समय पड़ने पर सच्चे दोस्त ही काम आते हैं।" ऐसा सुनकर कर मोती के पिता ने उन सब को गले लगा लिया।
संस्कार सन्देश-
बड़े से बड़ी विपत्ति को दोस्तों के साथ मिलकर दूर किया जा सकता है।
लेखिका-
#शालिनी (स०अ०)
प्राथमिक विद्यालय- बनी
विकास खण्ड- अलीगंज
जनपद- एटा
कहानी वाचक
#नीलम_भदौरिया
जनपद- फतेहपुर
✏️ संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद
#नैतिक_प्रभात
Негізгі бет #बाल_कहानी
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