#दैनिक_नैतिक_प्रभात- 89/2024
13 मई 2024 (सोमवार)
#बाल_कहानी - #लोगों_की_बातें
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एक छोटे से गांँव में एक किसान हरी रहता था, जो बहुत दयालु और परिश्रमी था। वह अपने काम से काम रखता और हमेशा पूरी लगन से अपने खेतों में परिश्रम करता। कुछ लोग तो हरी का मज़ाक़ भी बनाते थे कि-, "हरी तो मशीन बन गया है। उसे काम से कभी फुर्सत ही नहीं मिलती।"
पर हरी हँसकर बातें टाल देता और अपने काम में लग जाता था।
हरी का बेटा शिव जब भी दोस्तों के साथ खेलने जाता, कोई न कोई उसे ये कहकर चिढ़ाता कि-, "शिव के पिताजी तो मशीन हैं, बस खेत में ही जुटे रहते हैं।"
शिव को लोगों की बातों पर बड़ा गुस्सा आता और घर आकर पिताजी से ये बातें बताता। सब सुनकर हरी बड़े धैर्य और शान्त भाव से बेटे को समझाया करता-, "बेटे! ये दुनिया है। यहाँ लोगों का काम ही है, दूसरों की बातों में दखल देना। लेकिन जो वास्तव में व्यस्त हैं। अपने काम में रमे हैं। उन्हें सबकी परवाह न करते हुए कुछ करके दिखाना है। कहने दो, जो भी लोग कहते हैं।"
समय बीता और हरि ने अपने खेती करने के ढंग में बदलाव किया। उसे खेती करने में आनन्द आता और उन्नत किस्म की नयी-नयी सब्जियांँ और फल उगाता था। अपनी फसलों को वह बड़े शहरों में भी भेजने लगा, जिससे उसकी आय भी बढ़ती जाती थी। उसके खेत में उगायी गई सब्जियों और फलों की मांँग बढ़ती ही जा रही थी। अब तो देश के उन्नतशील किसानों में हरी की गिनती होने लगी थी।
एक दिन हरी के पास देश के जाने-माने टी० वी० से चैनल बुलावा आया। वह दिन आ गया, जब हरी गर्व से बैठा था। जाने-माने टी० वी० चैनल पर पूरी दुनिया उसका साक्षात्कार सुन रही थी। उसके गांँव वाले भी और वे लोग भी, जो उसे कहते थे कि, "हरी तो मशीन बन गया है"। जी, हांँ! यह उसके काम में लगन और मेहनत का ही परिणाम था, जो उसे देश में इतना सम्मान मिल रहा था और देश के उन्नतशील किसानों में उसकी गिनती हो रही थी। हर किसान हरी के जैसे बनने का सपना देख रहा था। आज तो शिव को भी अपने पिता को टी० वी० पर देखकर बड़ा गर्व हो रहा था। आज उसे पिताजी की कही गयी पुरानी बातें याद आ रही थी। अन्य लोगों की तरह यदि वह भी दुनिया वालों की बातें सुनकर अपना काम करना छोड़ देता तो इतनी सफलता नहीं प्राप्त कर पाता।
संस्कार सन्देश-
हमें लोगों की बातों पर ध्यान न देकर समझदारी से अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए, तभी सफलता मिलती है।
लेखिका-
#शिखा_वर्मा (इं०प्र०अ०)
उ० प्रा० वि० स्योढ़ा
बिसवाँ (सीतापुर)
कहानी वाचक
नीलम भदौरिया
जनपद- फतेहपुर
✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद
#नैतिक_प्रभात
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