बाल संसद के बारे में:-
मानव संसाधन विकास विभाग के निर्देश पर शैक्षणिक गुणवत्ता मिशन कार्यक्रम के तहत प्रखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में 25 जुलार्इ तक बाल संसद का पुनर्गठन करना है। इसके माध्यम से सशक्त सुशिक्षित समाज निर्माण के लिए बच्चे अपने विद्यालय, समाज, परिवार, स्वास्थ्य, शिक्षा, कला, संस्कृति के अलावा अपने अधिकारों पर खुल कर बात कर सकेंगे। वहीं स्कूल प्रधान से कहा गया है कि समय सीमा के अंदर रिक्त पड़े पदों को भरा जाए। बाल संसद विद्यालयों के बच्चे बच्चियों का मंच है। इससे जीवन कौशल का विकास, बच्चों में नेतृत्व एवं निर्णय लेने की क्षमता को विकसित करने, विद्यालय की गतिविधियां एवं प्रबंधन में भागीदारी बढ़ाया जाएगा। बाल संसद का कार्यकाल एक वर्ष का होता है। शिक्षा मंत्री एवं उप शिक्षा मंत्री के पद पर किसी छात्रा का चयन होगा। इसके बाद मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री जल एवं कृषि मंत्री पुस्तकालय एवं विज्ञान मंत्री तथा संस्कृति एवं खेल मंत्री का पद पर चयन होगा।
12 सदस्यों का होता है बाल संसद
बाल संसद का स्वरूप 12 सदस्यों का होता है। जिसमें प्रधानमंत्री उपप्रधानमंत्री के अलावा पांच मंत्री एवं पांच उप मंत्री होते हैं। प्राथमिक विद्यालय के ऊपर कक्षा के बच्चे बाल संसद के मंत्रिमंडल में शामिल होंगे । प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 15 दिन में कैबिनेट की बैठक होती है। ये सारा प्रावधान छात्रों को समझने एवं सीखने के उद्देश्य से गुणवत्ता शिक्षा कार्यक्रम के तहत किया गया है ।विद्यालय के एक शिक्षक बाल संसद के संयोजक होते हैं।
विद्यालय की गतिविधियाें पर नजर
एचएम से विद्यालय की आवश्यकताओं को पूरा करने गांव टोले के 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों की सूची तैयार करने, विद्यालय में पठन-पाठन प्रारंभ से पहले चेतना सत्र का संचालन करने, बच्चों को नित्य दिन विद्यालय आने के लिए प्रेरित करने, विद्यालय वर्ग कक्षा की साफ़ सफाई करवाना मिड डे मील वितरण में सहायता करने, विद्यालय में पेड़ पौधे बागबानी को बढ़ावा देना है।
Негізгі бет बाल संसद का गठन, उत्क्रमित उच्च विद्यालय सुरही नावाडीह, बोकारो(Like, Share & Subscribe my channel)
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