बालकों में ज्ञान चेतना, स्मरण शक्ति अभिवृद्धि हेतु अचूक उपाय
यदि आपको पढ़ा हुआ स्मरण नही रहता,और आपका बच्चा पढ़ने में इतना तीव्र नही है तो करे ये उपाय
बालकों में सीखने समझने की क्षमता विशेष रूप से होती है इसलिए बालकों को सरस्वती-साधना अवश्य करनी चाहिए। यह केवल उनका ही नहीं, उनके माता-पिता का भी कर्तव्य है कि बालक सरस्वती-वन्दना नियमित रूप से अवश्य करें। कुछ व्यक्ति अपने भीतर तो ज्ञान बहुत समेटे होते हैं किंतु जब उन्हें बोलने को कहा जाता है, तो वाणी जैसे लड़खडाने लग जाती है, कहना कुछ चाहते है, और बोलते कुछ और ही हैं। इसी प्रकार नौकरी के इंटरव्यू में जो असफल रहते है, उसका कारण अपने आप को, अपने ज्ञान को सही रूप से प्रस्तुत करने की कमी होती है और यह दोष उनके जीवन को साधारण बना देता है, ऐसे व्यक्ति सफल नहीं हो पाते।
विधि - प्रातः काल साधक जल्दी उठ जाय और स्नान आदि से निवृत्त हो कर वसन्ती वस्त्र धारण करें, या पीले वस्त्र पहने, फिर घर के किसी स्वच्छ कमरे में या पूजा स्थान में अपने परिवार के साथ बैठ जाए, यदि संभव हो तो सामने सरस्वती का चित्र स्थापित कर दें। इसके बाद एक थाली में, "सरस्वती यंत्र" को स्थापित करें।इसके बाद एक कटोरी में 'अष्ठ्गंध' घोल दें। अष्टगंध में आठ महत्वपूर्ण वस्तुओं का समावेश होता है जो कि अत्यन्त दिव्य होता है। कहते है कि भगवान् श्रीकृष्ण के शरीर से अष्टगंध प्रवाहित होती रहती थी। इसके बाद सामने थाली में इस अष्टगंध पर 'सरस्वती यंत्र' रखें। सरस्वती यंत्र प्रत्येक साधक या बालक अथवा बालिका के लिए अलग-अलग होता है, ये यंत्र-मंत्र सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा युक्त चैतन्य मंत्र से सिद्ध होने चाहिए। मैं आपको यहाँ सिद्ध करने की विधि बता रहा हूँ
अलग पात्र में यंत्र को कच्चे दूध से धो कर फिर जल से धोएं और पौंछ कर थाली में सरस्वती यंत्र अंकित करे, और उन पर अष्टगंध का तिलक करें, पुष्प चढावें, सामने अगरबत्ती और दीपक लगावें और दूध का बना प्रसाद समर्पित करें, यदि एक से अधिक बालक के लिये कर रहे है तो सभी यंत्रों के लिए केवल एक ही दीपक जलाना पर्याप्त है। इसके बाद सरस्वती मंत्र की एक माला मंत्र जप घर का मुखिया करे या जितने भी बालक बालिकाएं है, वे सभी मात्र एक-एक माला सरस्वती मंत्र जप करें।
सरस्वती मंत्र ॥ ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः ॥
इसके पश्चात् सामने सरस्वती-चित्र रख दें, उसकी संक्षिप्त पूजा करें और उसके सामने पुष्प चढावें, यदि संभव हो तो स्वयं और अपने बालकों को भी पीले पुष्पों की माला पहनावें। ऐं मंत्र का मानस जाप करे माँ शारदा के चरणों से बच्चे का मस्तक लगाये एवं जिह्वा को ऐं मंत्र बोलते हुए स्पर्श करे ऐसा करने से आपके पुत्र पुत्री अधिक ज्ञान वान तथा स्मरण शक्ति तथा जीवन में आगे बढ़ते है
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