बड़ी मुश्किल से जागी थी ज़माने की निगाहों में ,
उसी उम्मीद के मरने का मातम कर रहा हूँ मैं..!
#kumarvishwas #kejriwal #politics #election
Негізгі бет बड़ी मुश्किल से जागी थी ज़माने की निगाहों में | Dr Kumar Vishwas | Kejriwal
बड़ी मुश्किल से जागी थी ज़माने की निगाहों में ,
उसी उम्मीद के मरने का मातम कर रहा हूँ मैं..!
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