भारत में पेड़ों से पत्ते जब सूख कर गिर जाते हैं तो बहुत से लोग उन्हें सही तरीके से कूड़ेदान में डालने की बजाय बस आग लगा देते हैं. लेकिन यह पर्यावरण के लिए ठीक नहीं है. दूसरा, ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें इन पत्तों की जरूरत है. तो देखिए कैसे सूखे पत्तों को पुणे की अदिति देवधर उन लोगों को तक पहुंचा रही हैं जिन्हें इनकी जरूरत है. जरूरत इतनी कि वे सूखे बत्तों को ब्राउन गोल्ड यानी भूरा सोना कहते हैं.
- Күн бұрын
बहुत काम के हैं सूखे पत्ते [New life from dried leaves]
- Рет қаралды 1,053,693
Пікірлер: 1,4 М.