बतियाँ दौरावत के अगले एपिसोड में बात करूंगी राग नंदध्वनि की. सर्वपरिचित राग नन्द तथा हंसध्वनि के मिश्रण बना बना है यह राग. इस जोड़ राग के जन्म की कहानी और साथ ही उसमें बनी मेरी दो बंदिशें प्रस्तुत है|
नन्द तथा हंसध्व, दोनों रागों की प्रकृति चंचल, आनंदमय तथा प्रफुलित| एक राग में से दूसरे में चले जाने की क्रिया बहुतही सहज आसान और क्रीडामय… मुझे ऐसा लगा कि यह दोनों राग आपस में क्रीडा कर रहे हैं... कभी एकदूसरे से नज़रें मिला रहे हैं, तो कभी नजरें चुराई जा रही है. कभी दोनो मिलकर राग की बॉल को गोल पोस्ट तक ले जा रहे हैं, तो कभी आपस में बॉल की पासिंग और डॉजिंग भी हो रही है। इसलिए उनका मिश्रण बहुतही आनंददायी साबित हो रहा है। दोनों के मिश्रण से मानों होली के समय खेले जाने वाले रंगों का अनुभव हो रहा है …. और स्वाभाविकत: बंदिशें बनी तो होरी की … होली के त्यौहार के समय पर जो खुशी का माहौल फैलता है, उसको दर्शानेवाली बंदिश के शब्द हैं:-
स्थायी: आयो सखी होरी को त्यौहार (आयो)
मोरे मन में नई उमंग लायो ।
अंतरा: नई ऋत नई बहार नयो पहिरावन कीनो
आज मैं नयो गीत गायो ।।
होरी में चलनेवाली नटखट छेडखानी, जोरजबरदस्ती सभीका अनुभव इस राग से मिल सकता है...
चलो री सखि, सबमिल हूँ
नंदकुंवरघर जाय उन्हीं सो खेलें होरी।
बरन बरन के रंग ले चलो
अबीर, गुलाल, केसरिया
डार उन्हीं सो खेलें होरी।।
Credits:
Composition and Vocal Presentation: Dr. Ashwini Bhide Deshpande
Creative Ideation: Amol Mategaonkar
Audio Recording, Mixing: Amol Mategaonkar
Video Recording, Editing: Amol Mategaonkar, Kannan Reddy
Color Grading: Kannan Reddy
Special Thanks To: Raja Deshpande
Location Courtesy: Meenal Mategaonkar & Amol Mategaonkar
Opening Title Photo Credit: Varsha Panwar
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Негізгі бет Bandish Ki Kahani - NandDhwani | Jod Raag | Dr. Ashwini Bhide Deshpande | Batiyan Daurawat
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