बस्तर की एक अनूठी परंपरा में देवी-देवताओं को भी अदालत में पेश किया जाता है और उन्हें सजा सुनाई जाती है। यह परंपरा बस्तर क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, जहाँ लोकजीवन और धार्मिक आस्थाओं का एक अनोखा संगम देखने को मिलता है।
इस परंपरा के तहत, एक विशेष अदालत सत्र आयोजित किया जाता है जिसमें स्थानीय देवी-देवताओं को 'अपराधी' मानकर उनकी 'सुनवाई' की जाती है। यह रस्म केवल सांस्कृतिक मान्यता के लिए होती है, और इसका उद्देश्य लोक समुदाय की धार्मिक भावनाओं और आदर्शों को बनाए रखना होता है। इस अनोखी प्रक्रिया में देवी-देवताओं के कार्यों को 'अपराध' मानकर उन्हें सजा दी जाती है, जो एक तरह की सामाजिक और धार्मिक शिक्षा का हिस्सा होती है।
इस अद्वितीय परंपरा का आयोजन विशेष मौकों पर किया जाता है, जैसे धार्मिक पर्व या समुदाय के महत्वपूर्ण आयोजन। यह रस्म बस्तर की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करती है और दर्शाती है कि किस प्रकार धार्मिक मान्यताएं और सामाजिक परंपराएं एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई हैं।
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Негізгі бет बस्तर की अनूठी रस्म देखिये, जिसमें देवी देवताओं को भी सजा सुनाई जाती है
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