भागवत गीता: अध्याय 1, श्लोक 5-11 में हम कुंभकर्ण के युद्धक्षेत्र में उपस्थित प्रमुख योद्धाओं और उनकी विशेषताओं का परिचय पाते हैं। इस खंड में, दुर्योधन अपने सेनापतियों और युद्धकुशल सेनानियों का वर्णन करता है, जो कुरुक्षेत्र युद्ध के मैदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं।
श्लोक 5 में, दुर्योधन प्रमुख योद्धाओं जैसे धृष्टकेतु, चेकितान और अन्य की शक्ति का उल्लेख करता है।
श्लोक 6 में, युधामन्यु, उत्तमौजा और द्रौपदी के पुत्रों का उल्लेख किया गया है।
श्लोक 7 में, दुर्योधन अपने सेना के प्रमुखों का परिचय देता है।
श्लोक 8 में, भीष्म, कर्ण, कृपाचार्य, अश्वत्थामा और सौमदत्ति जैसे योद्धाओं की शक्ति और अनुभव को उजागर किया गया है।
श्लोक 9-11 में, दुर्योधन अपनी सेना की शक्ति और संरचना पर चर्चा करता है, और भीष्म के विशेष महत्व पर बल देता है।
इन श्लोकों के माध्यम से, हमें युद्ध की तैयारी और दुर्योधन की रणनीति का गहराई से अवलोकन मिलता है।
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