पाक सीमा से सटे व जैसलमेर से 122 किलोमीटर दूर तनोट माता का मंदिर देश भर के श्रद्धालु नत मस्तक होने पहुंचते हैं। इस मन्दिर को 'तनोट राय' कहते हैं। मामडिया चारण की पुत्री देवी आवड़ को तनोट माता के रूप में पूजा जाता है।
पुराने चारण साहित्य के अनुसार तनोट माता, हिंगलाज माता की अवतार हैं जिनका प्रसिद्ध मन्दिर बलूचिस्तान में है।
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में तनोट राय माता मंदिर परिसर में पाकिस्तान द्वारा जबरदस्त बमबारी की गई थी, लेकिन तनोट माता के चमत्कार से कोई भी गोला नहीं फटा था। यादगार स्वरूप राजस्थान सरकार ने माता तनोट मंदिर के द्वार पर विजय स्तम्भ का निर्माण करवाया। यह विजय स्तम्भ तनोट माता के चमत्कार स्वरूप दर्शनार्थियों के लिए भारतीय सेनाओं की गौरव गाथा के प्रतीक के रूप में विद्यमान है।वर्ष 1965 के युद्ध के बाद, भारत के सीमा सुरक्षा बल ने मंदिर की कमान संभाली और इस मंदिर की पूजा, अर्चना एवं व्यवस्था का कार्यभार संभाल रहा है
Негізгі бет भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर रहने वाली देवी | Tanotrai Mandir Jaisalmer | Indiaa Pakistan border
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