- शरीर को अधिक न कसो। मन को ही कसो।
- साधु नाय बनो। साधुता धारण करौ।
- अपनो काम बनायकें चुप चाप इस संसार से निकर जाओ
- उत्सव, जनसमूह, भीड़-भाड़ में साधक न जाए।
- भजन को ऐसो अवसर फिर नाय मिलेगो।
- जीवन अत्यंत पवित्र बने। दृष्टि सदा नीचे रहे।
.... पुराने संत रात दिन भजन में ही लगे रहते। जाने जो कछु पायो है करके ही पायो है।
.... कृपा कौ बहानो बनायकें आलस नाय करौ। जो भजन करै है, वाही पै कृपा होए है।
.... कोई प्रपंच ना पालौ। मठ, मंदिर, अन्नक्षेत्र, अस्पताल, गोशाला, प्याऊ, प्रकल्प, उत्सव आयोजन करनौ प्रपंच ही है इनसे साधन छूट जाए है। ये सब सिद्धन कौ काम है।
Негізгі бет भावुक प्रसंग। ऐसे करें भगवान का इंतज़ार। श्री गयाप्रसाद जी महाराज
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