ईश्वर को सर्वव्यापी मानते हुए, मन से (भाव) प्रार्थना, पूजा करना ही उपासना है. पत्र, पुष्पं फलन तोयं... गीता.
@rks3121chd
Жыл бұрын
बहुत ही सुन्दर ढंग से गम्भीर विषय को साधारण भाषा में विस्तार से कहा गया कोटिशः धन्यवाद आचार्य जी का परिचय भी वीडियो में होना चाहिये
@rajkumarkhare6468
9 ай бұрын
हमारा सनातन धर्म और उसके उपासना कि पद्धति प्रारंभिक और सनातन समय पर एक थी । अब जगह जगह हिन्दू धर्म के कुकर मुत्ते के समान गुरु पैदा हो गय है जो हिंदू समाज को दिशा हीन कर रहे हैं, आप जैसे लोग ही इन दिग्भ्रमित लोगो को सही दिशा दे रहे हैं,आप को नमन
@sumitrachatterjee6966
9 күн бұрын
बिल्कुल सही कहा आपने , मैं इससे सहमत हूँ 🙏
@सुनोऔरसोंचो
Жыл бұрын
आपके व्याख्यान में शीर्षक से संबंधित बातें कम और हिंदुओं के पूजा पाठ के विधि पर कटाक्ष ज्यादा है।जो हिन्दू वेद का नाम लेकर मूर्ति पूजा पर व्यंग्य और हिंदुओं के अवतारों पर आलोचनात्मक बातें कहता है उसे आर्य समाजी कहा जाता है। वेदों को समझना सबके वश में नहीं।अपनी मर्ज़ी से व्याख्या करना और उसी को उतम बताना ही अंतिम नहीं।
@spsingh8270
Жыл бұрын
कटाक्ष नहीं ये आपको जो बचपन से बताया गया वही आप करते हो, ये मुर्तिया महाभारत के समय से आरम्भ हुई, और जैनियों से हुई थीं, ईश्वर की कोई प्रतिमा नहीं होती, दूसरी बात यदि आप मुस्लिम के घर मे पैदा होते तो वहीं पद्धति अपने, यदि ईसाइयो मे तो वहीं पध्यती अपनाते, लेकिन आप यदि किसी वेद पढ़ने वाले के घर मे पैदा होते तो आज इस व्याख्यान को गलत नहीं मानते, आज हिन्दू समाप्ति पर है, ये ईरान, अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, और बहुत देश आर्य ही थे, महाभारत, और रामायान मे भी राम को, धर्मराज को भी आर्य ही बोला जाता है, ये तिरुपति मंदिर सहीत बहुत मंदिरो से पूजा का पोसा सरकार मुसलमानो पर व्यय करती है, आपका दिया गया पैदा किसके काम आया आज मुसलमान क्या क़र रहें है, सोचो?
@RajeshSharma-yi2ml
Жыл бұрын
बहुत सुन्दर जानकारी दी।उसके लिए बहुत बहुत धन्यबाद।
@yashpandit123
6 ай бұрын
Hamare margdarshan karane ke liye aapko bahut bahut dhanyvad
@ushakuntal9026
2 жыл бұрын
आचार्य जी को प्रणाम है, आप की ओजपूर्ण वाणी मे प्रस्तुत व्याख्यान अत्यंत सुंदर, सार पूर्ण तथा सरल है । सुनकर मन अति आनंदित हुआ 👌👌👌
@Prahari
2 жыл бұрын
धन्यवाद
@virendrasoni1644
Жыл бұрын
बहुत आवश्यकता है इन बिचारों की , स्पीष्ट रीति से बहुत ही अच्छा समझाया। ईश्वर आपको दीर्घायु प्रदान करें। क्योंकि भयावह काल में ऐसी ही दिव्य आत्माओं की आबश्यकता है। जो बेदोंकी ओर ले चले। बहुत ही अच्छा समय देब दयानंद की 200बर्ष की जयंती के समय उपस्थित हुआ है। क्योंकि आगामी 2बर्ष तक लगातार आर्य जनों द्वारा घर,घर इस दिशा में उत्कर्ष , मार्गदर्शन ,किया जाना सुनिश्चित किया है आचार्य जी को शत शत नमन
@KulwantSingh-px1zk
Жыл бұрын
Ham kisi key bhee falowar Nahi hai lakin majey kee baat hai. Bhupatia bhuvan patia bhutanam patia patal sab mairy falower hai.
@sujatachhabra5070
Жыл бұрын
Itne saral sunder vachano se gahan gyan mil rha hai Dhanyavaad Acharya ji
@AmarChandraArya
11 ай бұрын
.per.
@SureshSharma-s7o
5 ай бұрын
आपको कोटि कोटि नमन
@kiransethi7008
2 жыл бұрын
आचार्य जी हार्दिक शुभकामनाएं जी
@virendrachauhan3826
2 ай бұрын
So much good thoughts about environment and education thanks you
@rameshsinghal9011
Ай бұрын
बहुत अच्छी तरह समझने के लिये बहुत धन्यावाद
@surajbhandagar2017
Жыл бұрын
आचार्य जी सादर प्रणाम आपको बहुत अच्छा प्रवचन देते हैं
@ramchandratapkir7801
Жыл бұрын
उपनिषदपर आपका बहोतही प्रभुत्व है आचार्य जी . सबका सार आप कहेते है. सुनकर बहोत खूषी हुई.
@kalpanasaxena1816
2 жыл бұрын
आचार्य जी प्रणाम🙏 सुन्दर सारगर्भित व्याख्या
@satyaprakashmohapatra8109
5 ай бұрын
Namasteji.... very beautiful message
@SudeshChopra-v8u
10 ай бұрын
अति उत्तम व सराहनीय ढंग से समझाने के लिए आप को सादर प्रणाम।🎉
@kiranchauhan2489
4 ай бұрын
बहुत सुंदर ज्ञान दिया आचार्य जी कृतज्ञ हुए हम. बहुत भ्रांतियां से आपने हमें ऊपर उगाया धन्यवाद प्रणाम ,,🙏
@akhileshacharya8317
Жыл бұрын
आपके सभी व्याख्यान बहुत ही मननीय होते हैं।
@virendrachauhan3826
2 ай бұрын
The combination of masses and velocity of light within three element of environments is a base of life we should maintain the laws of nature thanks
@sumitrachatterjee6966
9 күн бұрын
अटी सुंदर 🙏 सच में आचार्य जी के बात से मन बहुत शुद्ध हो जाता है 🙏
@bhogeeprasad5804
Жыл бұрын
बहुत ही सुन्दर सन्देश ज्ञानवर्धक जानकारी। जीवनोपयोगी कुंजियां
@Neo.Auroman
2 ай бұрын
यह ज्ञान देने के लिए आपका बहुत धन्यवाद 🙏🌼
@skbhatia7437
5 ай бұрын
An eye opener
@SanjayGupta-vr7sy
Жыл бұрын
Thanks 👍🙏👍🙏👍🙏🙏
@richaarya2934
Жыл бұрын
Bahut Sunder sargarbhit vyakhya hai sader namste Acharya ji pervachan ke liye thanks 🙏🏽🙏🏽🙏🏽👍
@swarnkantakhanna7596
6 ай бұрын
आचार्य श्री जी सादर नमस्ते जी
@kacharumhaske4464
4 ай бұрын
मला आज समजल सुख म्हणजे काय शुद्ध स्वरूप प्राप्त करून जगणे म्हणजे परमेश्वर भक्ती करावी ऐवढेच वाटते आहे 🎉
@kacharumhaske4464
4 ай бұрын
देवाच्या वचनाला तुमच्या विचारांवर वर्चस्व गाजवू द्या व तुमच्या जीवनावर ताबा घेऊ द्या व मन शांत ठेवून रहा 🎉
@antaratmashabd1546
11 ай бұрын
आदरणीय महोदय आपने गीता अध्याय ६ के अनुसार ईश्वर के ध्यान को अच्छी तरह से समझाया है ,गीता एक समग्र ग्रंथ है इसमें एक और निराकार ओम परमात्मा के ध्यान की पद्धति है अर्थात ध्यान योग है ,तो दूसरा अध्याय स्वयं को जानना सांख्य योग है ,तो बारहवां अध्याय भक्ति योग है , तो चौथा अध्याय निष्काम कर्म योग है ,ईश्वर की उपासना की विधि अनेक हो सकती हैं , जिसमें ध्यान ,भक्ति ,ज्ञानप्राप्ति ,निष्काम समाज सेवा भी हो सकती है , हनुमान परमात्मा की उपासना अपने राम के प्रति समर्पण भाव और भक्ति से करते हैं ,तो मीरा परमात्मा को कृष्ण रूप में अपने भजनों में पति हैं ,तो महायोगी शंकर परमात्मा को अविचल समाधि में पाते हैं ,तो विवेकानंद अपने अदभुत ज्ञान प्रसार में ईश्वर को पाते हैं ,तो महर्षि दयानंद सत्य उल्लेख और अज्ञान पर प्रहार कर परमात्मा की उपासना करते हैं ,तो महात्मा गांधी देश सेवा को ही परमात्मा की प्राप्ति का मार्ग चुनते हैं , मदर टेरेसा दिन दुखियों की सेवा को ईश्वर की साधना का मार्ग चुनती हैं ऐसे ही इस धरती पर अनेक संत ,योगी हुए हैं जिन्होंने अपने ,ज्ञान ,कर्मों को,ईश्वर की प्राप्ति का मार्ग चुना है ,फिर भी गीता ने निष्काम समाज सेवा कर्मों को ईश्वर को समर्पित करना ,ईश्वरीय उपासना का माध्यम बताया है,जिसे कर्मयोग कहा है इस मार्ग पर ध्यान ,भक्ति , ज्ञान स्वयं सिद्ध हो जाते हैं ।
@aks9393
9 ай бұрын
आपका कॉमेंट अच्छा है
@anandpandey9143
6 ай бұрын
@@aks9393 😂
@मनसारामसिहाग
Күн бұрын
आपनेबहूत आपनेबहूतअछागयानदीयाधनबाद
@Manju27227
11 ай бұрын
वेद परमात्मा द्वारा दिया गया ज्ञान है और इसको परमात्मा के बिना कोई नहीं समझ सकता।
@jitsingh402
11 ай бұрын
ajkal pta nahi chalta kis ki bat ka vishwas kre . ek chenal haye hmara ateet youtube par . bo kahte haye . ved to iran se aye haye aur bhart me 3 parkar ke brahmin haye . greek brahmin , iran ke brahmin aur bhart ke brahmin . ab sach kiya haye bhagwan hi jane
@Manju27227
11 ай бұрын
@@jitsingh402 सारी पृथ्वी चाहे किसी भी धर्म में हो सभी परमात्मा के बच्चे हैं वेद चाहे किसी को भी प्रथम मिले हों उनमें परमात्मा का दिया गया ज्ञान है और उसको परमात्मा ही समझा सकते हैं आज भी परमात्मा पृथ्वी पर संत रूप में आए हुए हैं और गीता जी में लिखा है कि जो उल्टे लटके हुए पीपल के वृक्ष रूपी संसार को अलग-अलग बताते हैं कि तना कौन हैं जड कौन हैं पत्ते कौन हैं वो सच्चे संत हैं और वो संत शास्त्रों में प्रमाणित विधि से भक्ति विधि बताते हैं और उनके अनेकों अनुयाई उनसे लाभ प्राप्त कर रहे हैं वो उनके पाप कर्म को काटकर उनको अनेकों बुराईयों से बचाकर उन्हें सुख प्रदान कर रहे हैं उनका नारा है जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नहीं है कोई न्यारा।
@VipinKumar-yq2bs
8 ай бұрын
@@jitsingh402Tum jaiso k saath aisa hi hona chahiye. Ja k dub mar
@deepikachopra1180
2 жыл бұрын
अति सुंदर व्याख्यान🙏🙏🙏🙏
@vishnudwivedi2618
2 ай бұрын
बहुत सुन्दर समाधान आपको धन्यवाद
@devrautela7917
Жыл бұрын
Acharye Ji aapko Pranam.
@SatyendraSingh-xv9gc
Жыл бұрын
Acharya ji sadar namste ji. 🙏🙏
@kacharumhaske4464
4 ай бұрын
, नेहमी सत्य बोला कष्ट करून आपला उदरनिर्वाह करीत आहे तर तुम्ही नेहमी समाधानी राहणार काही विचार करण्याची गरज नाही परमेश्वर तुम्हाला कधीच काही कमी पडू देणार नाही विस्वास ठेवून कृष्ण भगवान तुम्हाला सांभाळून घेइन हजारदा ही 🎉
@dilipkumarko3110
Жыл бұрын
Ati sunder guru Ji
@chandrakalamp4090
2 жыл бұрын
Aacharya ji Geeta Gyan samjhane ka bahut bahut dhanyawad
@parmodpandey8174
Жыл бұрын
आचार्य जी आपका ज्ञान सुनने में आनंद आ रहा है
@Manju27227
11 ай бұрын
वेद परमात्मा का दिया हुआ ज्ञान है इनको इंसान नहीं समझ सकता।इसको परमात्मा ही पृथ्वी पर आकर बताते हैं।
@sudeshdabasdahiya3482
Жыл бұрын
Achary ji bohot achha pravachan h atiuttam.
@vidyanidhiarya2128
Жыл бұрын
अत्यंत प्रेरणा दायक प्रवचन सादर नमस्ते आचार्य जी
@ranjitabiswal2481
2 жыл бұрын
Acharya ji namaste, This is the true processes to realise truth.
@brijendrasingh4749
11 ай бұрын
बहुत-बहुत धन्यवाद आचार्य जी, आपका आभार 🌹🌹☂️
@renusharma-ft4xl
2 жыл бұрын
Ved based knowledge and conduct is solution of all problem of life.
@brahmprakash3384
11 ай бұрын
नाम तो वेद कालिया और उपदेश गीता का दे रहे हो। वेदों में ज्ञान कब तक छिपा रहेगा।
@bearded_riffs
9 ай бұрын
Geeta ka gyan vedo se he liya gya hai sir
@jayapatel4426
Жыл бұрын
सटीक ज्ञान दे रहें हैं आपने , आचार्य जी ।
@jayapatel4426
Жыл бұрын
आप*
@manavsevaashramtilhar
Жыл бұрын
कर्म ही पूजा है कर्म ही इबादत है जय सत्य सनातन संस्कृति की जय जय सत्य सनातन धर्म की जय
@praveenpoorkar3848
10 ай бұрын
ईबादडत को पूजा का समान अर्थी मत समझ बैठो!
@pavelmamgain7150
Жыл бұрын
बहुत ही उच्चकोटि का व्याख्यान है अचार्यजी आपका ।उदाहरण भी बहुत सटीक हैं । धन्यवाद ।
@satyadeosharma2771
Жыл бұрын
महोदय,आपके विडियो बहुत अच्छे होते हैं। लेकिन इनकी अवधि बहुत ज़्यादा होती है। यदि संभव हो तो आधे घंटे की अवधि तक सीमित करें।
@manoharlalsood648
Жыл бұрын
@@satyadeosharma2771😂
@surajbhandagar2017
Жыл бұрын
@@satyadeosharma2771में भी एक कला और संस्कृति 🎉से 😅😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😅पहले 😅पार्टनर 😅में है 😅😅😅😅😅😅😅😅🎉😮😮😮🎉🎉दिलाएंगे 🎉😅😮🎉
@VijayaSacideva
Жыл бұрын
@@surajbhandagar2017nn ññ jnn ñnnñjjn nn ñ nn jññn nn ñn
आचार्य जी सादर नमस्ते जी आपसे निवेदन है कि देश में वैदिक शिक्षा प्रणाली लागू करवाये जी, वैदिक शिक्षा प्रणाली से सही सही विद्या का ज्ञान हो जायेगा और भ्रष्टाचार अपने आप खत्म हो जायेगा।
@ShyamSundar-q4z
6 ай бұрын
I like at guru ji
@chandrabhushandwivedi546
Жыл бұрын
वेद सृष्टि विज्ञान का आदि स्रोत है। वेद मे अन्तर्निहित पदार्थ विज्ञान का गणितीय संरूपण, किया जाना चाहिए। और प्रयोगात्मक बनाने का भी कार्य होना चाहिए। आपका व्याख्यान, सरल भाषा में उपासना की तर्कसंगत विश्लेषण , के साथ-साथ गहन अर्थ को उजागर करता है।बहुत-बहुत धन्यवाद। वन्दे भारत मातरम।
@opendratomar5759
2 жыл бұрын
Bahut sunder vyakhyan aacharya
@poweryog4866
Жыл бұрын
ईश्वर भगवान देवी देवता तीनों अलग-अलग होते हैं ईश्वर केवल केवल कर्म देखता है उसे पूजा की जरूरत नहीं पूजा देवी देवता भगवान की होती है लोगों की परेशानी ठीक करते हैं इसलिए भोग प्रसाद मंत्र जाप पूजा दीपक होता है क्योंकि देवी देवता लोगों की कोई भी परेशानी हो वह ठीक करते हैं मंदिरों में शक्तियां होती हैं देवी देवताओं की पता ना हो तो बोला मत करो
@RaviKumar-so7eh
10 ай бұрын
आर्य समाजी लोग चमत्कार ,भूत प्रेत और देवी देवता की दैवीय शक्ति को नही मानते है वो केवल निराकार ईश्वर के अलावा किसी भी चमत्कार पर विश्वास नहीं करते है
@omprakashchhabra448
9 ай бұрын
बहुत सुंदर व्याख्यान दिया है। धन्यवाद आपका
@balidasmanikpuri4155
10 ай бұрын
पाखण्ड वादीजी अपने आप को आचार्य कहलाने वाले और कितना पाखण्ड फैलाओगे।
@neemamanee7755
2 ай бұрын
Sahi bola hei...hr hr mahadev
@bahadurrawat3413
2 жыл бұрын
ज्ञानवर्धक, उत्तम व्याख्या । नमन
@dr.tanajiacharyadurgale8606
Жыл бұрын
बहुत सुंदर ।धन्यवाद जी ।
@rakshit7257
Жыл бұрын
Thanku acharya ji 🙏
@कृष्णाछिकारा
2 жыл бұрын
नमस्ते आचार्य जी आपका व्याख्यान अति श्रेष्ठ और अत्यंत प्रभावकारी है बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी
@nempal6536
11 ай бұрын
Bahut bahut dhanyawad achaya ji apko
@satyapalsharma3129
Ай бұрын
आपके परिवार के लोग या संबंधी लोग जिन्होंने वेदों को पुराणों को शास्त्रों को नही पढ़ा है क्या वह पूजा नही करते हैं।आर्य समाजी लोग उसको ही श्रेष्ठ मानते हैं जो लोग अपने नाम में आर्य शब्द जोड़ लेते हैं उनको ही श्रेष्ठ मानते हैं या आर्य समाज से जुड़े व्यक्तियों को ही श्रेष्ठ मानते हैं।अन्य लोगो को आप हीन या नीच मानते हैं।वेदों को वही पढ़ सकता है जिसने संस्कृत साहित्य को पढ़ा है ।
@livingdevine4643
10 ай бұрын
अंकितजी ! आप कहते हैं भागवतपुराण बोपदेव की रचना है तो शंकराचार्य कृत गोविंदाष्टकम् को आप क्या कहेंगे और उनके गुरु गौड़पाद पर आपकी क्या समीक्षा है।
@drmpsinha6461
9 ай бұрын
महोदय , वेदों में ईश्वर शब्द नहीं है। ईश शब्द प्रथम बार ईशोपनिषद में प्रयुक्त हुआ है।
@murlimanoharsuman4837
Жыл бұрын
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय
@antrayamikumar7124
8 ай бұрын
यह तो सफेद झूठ है की किसी को आरती और मंत्र भी याद नहीं है।कोई भी पूजा में रिकॉर्डिंग नहीं चलती है ,रिकॉर्डिंग तो त्यौहारों के समय बजाया जाता है श्रीमान । रुद्राभिषेक, सत्यनारायण व्रत कथा वगैरह अनेकों उदाहरण है जब शारीरिक रूप से एवम मौखिक रूप से कथा वाचन होता हैं
@sudeshdeshbhratar3083
8 ай бұрын
वेदों का अस्तित्व 7 वीं सदी तक नहीं था। Vedik time=1500 bc to 600 bc । स्वर और व्यंजन 7 वीं 8वीं सदी के बाद आए हैं।
@bhaskarchaturvedi3436
9 ай бұрын
मानसिक पूजन श्रेष्ठ है, पर ये पूजा बहुत कठिन हैं, और ये सायद आप उपदेश तो कर रहे हैं, पर कभी अध्यात्म की ओर जाने का प्रयास हैं, अध्यात्म की पहली सीढ़ी मूर्ति पूजन है, और मूर्ति भी 5 ही देवताओं की प्रतिष्ठा हो सकती है ये भी वेद में लिखा है।
@NarkhedeIndore
8 ай бұрын
Explain कम करो और मूल उपदेश जादा करो तो बोरिंग नही होगा ❤
@anilmishra3994
Жыл бұрын
भाई साहब जी आप अपने बनी को एक बार ध्यान से. ............शब्दों के प्रयोग में बस केवल सनातन धर्म से जुड़े हुए तमाम बाते करते हैं बहुत बहुत सुन्दर है परंतु कोई और के उदाहरण ना दे तो बहुत अच्छा है लंबी अवधि तक आपके बातों को सुनते हैं आप अपने आपको सृष्टि के आदि पुरुश ना समझे इस वीडियो को एक बार जरूर आप सुने
@shuchijain3895
9 ай бұрын
M Dr..still my daughter studies in jain gurukul... educated parents hn...jo ho gaya hn ho Jane do..but Hume apne seeds(bachche) sanskari karne hn..
@bharatmahto6114
10 ай бұрын
सब मार्ग सही हैं ,सच्ची लगन चाहिए, भगवान के प्रति समर्पण चाहिए, दयानंद जी वेद का प्रचार-प्रसार करने आये थे,कुछ किया भी लेकिन उनकी आलोचना विधि पूरी तरह गलत है,,कुछ बातें जैसे अवतार वाद पर सवाल उठाना पूरी तरह गलत है,सकार ईश्वर पर सवाल उठाना पूरी तरह गलत है,,दयानंद जी इस मामले बिल्कुल गलत हैं,,दोनो बाते एकदम सही हैं,,विवेकानंद ने भी वेद पर बहुत जोर दिया है लेकिन अवतार और साकार का पूर्ण समर्थन किया जो सार्थक है
@rampalprajapati3331
Жыл бұрын
आप का समझाने का तरीका बहुत ही सुंदर ,तार्किक और सटीक है,ऐसी ही ओजपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत करते रहें आपकी अति कृपा होगी....!!! OM NAMAH SHIVAY
@parbhakarprasad153
Жыл бұрын
चतुर्विधा भजन्ते माम्* इस श्लोक भी पढो ,गीता
@jaiprakashyedla6214
8 ай бұрын
हिंदुओं को पंथ और जातियों में बांट दिया गया हैं...आपके लाख समझाने-बुझाने पर भी कोई लाभ नहीं.
@kashmirilaldhiman255
3 ай бұрын
Avoid negative approach to Hinduism and it’s religious books such as Ramayana etc. If you adopt a negative approach your purpose will be defeated.If you can’t join the Hindu masses and their thinking then you can’t be acceptable.
@gnamitkumar3173
8 ай бұрын
:- विश्व के मानव को सत्य ज्ञान सुनाकर सनातनी बनाना है क्योंकि पिछला इतिहास बताता है कि पहले केवल एक सनातन धर्म ही था। तत्त्वज्ञान के अभाव से हम धर्मों में बंटते चले गए जो विश्व में अशांति का कारण बना है। एक-दूसरे के जानी दुःश्मन बन गए हैं। यह बात विश्व का मानव निर्विरोध मानता है कि सबका मालिक एक है। परंतु वह कौन है? कैसा है यानि साकार है या निराकार है? मानव रूप में या अन्य रूप में? यह प्रश्न वाचक चिन्ह ❓अभी तक लगा है। अब संत रामपाल जी महाराज ने यह प्रश्नवाचक चिन्ह ( ❓) पूर्ण रूप से हटा दिया है।
@PrakashSharma-mo3uh
10 ай бұрын
वेद मंत्रों किस वेद का है और किस क्रमांक पर है, यही भी बताते जाए, जिससे वेदों पर विश्वस बढ़ेगा ।
@vilassurve5641
9 ай бұрын
जितने प्रक्रुति उतने साधना मार्ग होते है, ऐसा कहने मे आता है , जैसे कोई ग्यान मार्ग से जाता कोइ भक्तिमार्ग से जाता कोई कर्म मार्ग से जाता है , इस लिए हिंदू धर्म मे अलगता दिखाई देती है और हरेक का स्वभाव अलग और प्रारब्ध अलग होता है, इसलीये विविधता है
@khempalramchandani7749
Жыл бұрын
Acharya Ji Dhanyavad for sharing Up asana padaty
@dr.ckbhardwaj1198
8 ай бұрын
गायत्री मंत्र का जप क्यों । अर्थ सहित पढ़ने से क्या होगा ? इससे तो मंत्र स्वरूप नहीं मिलेगा। जाप का कोई मतलब नहीं होता जब तक कि, जो लिखा गया है उसे प्रयोग कर स्वयं में सिद्ध न हो । सिद्ध होने के बाद ही पुष्टि होगी। । इसलिए ध्यान की विधि एक सार्वभौमिक सत्य हो तो वह विश्व के किसी भी मानव के लिए सत्य है । वह उसे मना कर ही नहीं सकता। इसलिए धर्म को जानना आवश्यक लेकिन धर्म को लोगो संप्रदायों ने अपने हित के लिए व्यवस्थाएं कर रखी है । और विशिष्ट लोगों ने इसे ऐसे कलाज दिए कि उनमें फंसना एक सहज सरल व्यक्ति को आसान होता है ।
@gddd933
10 ай бұрын
वेदों की विषय में ना बोले क्योंकि आपको वेदों की बिल्कुल जानकारी बिल्कुल भी नहीं है
@PhulgenBaidh-gu5yy
10 ай бұрын
यह बताइए भाई साहब आप तो बहुत ज्यादा बुद्धिमान दिखाई दे रहे हैं भगवान की पूजा ईश्वर की पूजा किस किस देश में होती है हमारा ही देश है कैसा देश है जहां पूजा करते-करते दूसरे देश से भीख मांगना पड़ता है भगवान थे तो यहां वालों को तो धनी होना चाहिए था ना क्यों भीख मंगे किस-किस देश की कर्ज तुम्हारे देश पर है किस किस देश की धरोहर बिक चुकी है पहले तो यह देश अंग्रेजों का गुलाम था अब यह देश अपने यहां सामंतवादी तत्वों का गुलाम हो गया हां इसी पूजा की यार में आप अपनी रोटी को सही किया या हम लोग जानते हैं
@RajkishorShah-w7g
3 ай бұрын
मूल विषय को इतना घुमाकर बता रहे हैं कि आम आदमी समझ ही नहीं सकता है इसलिए पहले अच्छा से समझा दे फिर उस का उदाहरण प्रस्तुत करें भगवान का पूजा कैसे करें एक बार मे समझाए
@brahmprakash3384
11 ай бұрын
यदि गीता से उपदेश दे रहे हो तो गीता की सारी बातें क्यों नहीं मानते?
@mohanlalmeena1158
10 ай бұрын
हर हिन्दू गीता को मानता है। लेकिन गीता की बात 10 प्रतिशत लोग भी नहीं मानते। गीता क्या है? गीता यजुर्वेद का 40 वां अध्याय है, जिसे श्री कृष्ण ने अर्जुन को सुनाया है। लेकिन गीता में कई प्रक्षिप्त मिलावटी श्लोक हैं,जो महाभारत में नहीं है। अतः जो महाभारत में नहीं है,वे गीता के कैसे हो सकते हैं और वे अधिकतर श्लोक पूजा पाठ से से संबंधित है। गीता में श्रीकृष्ण ने सुबह सायं संध्या हवन ईश्वर उपासना करने को कहा है। लेकिन हमें संध्या का केवल पहला गायत्री मंत्र ही आता है, और उसे भी हम नहीं बोलते। हवन और उपासना का तो हमें एक भी मंत्र नहीं आता। तो फिर आज कल हम जो घर और मंदिरों में पूजा पाठ करते हैं वह गीता और महाभारत व रामायण के अनुसार तो बिल्कुल भी नहीं है। तो फिर इसे पूजा पाठ कैसे माना जाए।
@bearded_riffs
9 ай бұрын
Kon c baat nahi mante
@ranisharma2996
Жыл бұрын
Jay Jay Shri Radhe aap ek baat bataiye hum aap se puchna chah Rahi hoon ved Puran Ramayan Geeta Bhagwat Mahabharat Shiv Puran Devi Puran Vishnu Puran samast banaa kaise aur kisne banaya yah to lagbhag kuchh logon Ko pata hai kuchh log usko hawa mein uda dete lekin ek kyu bhul jaate Hain ki Jo is samast Srishti ki Rachna hai shristi mein jeev Pran vayu Diya hai uski hilela ki Rachna provide Puran bani hai aur unhen Ko manana aur na mananiy per ungali uthaya jata hai prashn Kiya jata hai bar bar ham puchte Hain ki Jin Ishwar ka banaya hua ham log khilauna hai theek hai chai Kitna hun ham log apne aap ko bada Sanjay Chhota samjhe nicha dikhane ghamand mein Rahane akad Mera lekin mitti mein Milana hai sabhi Ko to ham aap logon se jinke man mein vichar a raha hai ki Ishwar nahin hai yah Ishwar ki Rachna Jo banaa hai with Puran galat hai to mein challenge de karke kah rahi hun ki jo is Dharti par Jeevan Maran ki Sanjeev video banaen vah to Ghat ke rahegi aur Ghat rahi hai daily jitne jivan hota hai utna hi Maran hota kyunki vidhata ki banaya hua Rachna hai ismein hanste 6 kisi ki andar itni power nahin hai ki koi rok ke dikhaYun sabhi ke liye mera prashn hai jo Ishwar per ungali uthata hai bed Puran per ungali prashn utha raha UN sabhi ke liye Mera a challenge hai ki jo mar ja rahe hain aur rassi riti riwaj ke liye Rakhi ja rahi hai mein challenge dekhe Karti hun ki agar kisi mein Samrat hai to use mare hue Insan ko apni power se uthakar ke dikha de tab Mai samjhu ki han Ishwar par ungli uthane wala sach hai kisi mein itna Samrat Jo Ishwar ki kurti par ek bar apna kruti Laga de murgo ki bharti Keval aur Keval prashn prashn bed per prashn Ishwar per prashn Puran prashn kyon murkhata ki pahchan jis Ko manana hai uma ne jisko nahi manana hai mat manicure kitne Yug beet Gaya hai theek hai na aur teenon Yug mein sach hai ki har Yug mein ek aadami rahata hai rahata hai ek virodhi rahata hai rahata hai jo prashnchinh Dharm per khada Karen lagaen lekin uska dur parinaam kya hua hai yah sab Sakshihai usi bade mein add darmiyaan ke sath kya kya hua hai yah sab sach hai chai Rishi Muni Ko Ishwar Ho Raja Ho koi bhi Ho Deva Muni Ho Jo jaisa kaam Kiya hai vahi Ishwar news damd de karke use chij ko sat sat kiya hai ki dushkaram karne wala chai kitna bada kyon Na Ho uska done bhokta hai aur bhokta hai bhog agar kya hua manushya bada Ho jaaye Chhota koi bhi Insan isliye ham sabhi se prathna Karti Hun ki Ishwar per yah bed per ungali Na uthaya use Mana jaaye kyunki Omani ki tum kya hai mano ya na mano Ishwar tab bhi the Aaj bhi hai aur hamesha rahenge jab tak Dharti rahegi tab tak ham log Jay Shri rahenge ham log mar jaenge le jaenge lekin Ishwar Na kabhi marta hai aur na marega kyunki o ajanma hai Jo hamari shristi rasta hai hamen ham sabhi mein jio pradan karta hamare sharir mein hamare hath mein prapt hua hai Lekin ham khud usko dekh nahin paate Hain to kya tumhen lagta hai ki Ishwar dikhaya jaenge Jo Apne sharir ke bhitar hai usi ko dekhne mein sabse kam nahin Hui Swarg dekha koi bhi koi nahin hai kishwar ki darshan ho asambhavisiliye bol rahi hun ki ek marne wala Insan ko koi jila ke to dikhaye usmein parandal dalkar sambhav nahi hai manushya ke liye kyunki yah Ishwar ka kruti hi din hai aur Ishwar hi mar sakta hai jila Sakta hai chahe Jo bhi Ho isiliye request hai ki Ishwar ko Mano uske upar ungli mat uthao use samajhne ki koshish mat karo kyon ki Ishwar to Ishwar use per ungli uthane ke liye hamare pass Samrat hi nahin hai isiliye Mano ungli mat uthao Anna prashn khada Jay Jay Shri man Narayan Jay Jay Shri Radhe Krishna 🙏👍
@sumitrachatterjee6966
9 күн бұрын
ॐ 🙏
@हिन्दुराष्ट्र-ङ3ण
Жыл бұрын
आचार्य जी नमन l बहुत सुन्दर तार्किक पूर्ण ब्याख्या l
बहुत ही उत्तम ज्ञान से अवगत कराया है आपने ,आपका कोटिश:धन्यवाद ।।
@nemichandsharma5324
2 жыл бұрын
ओम नमस्ते आचार्य जी आपका वेद के बारे में अति श्रेष्ठ ज्ञान है
@vinita2004
2 жыл бұрын
🙏 om
@poweryog4866
Жыл бұрын
जानकारी नहीं है तो वीडियो मत बनाया करो
@muniramdas1416
Жыл бұрын
यह भगवान की स्तुति बल्कि मांगने की एक विधि बता रहे जिसे भिखारी के लिए उपयोग करना चाहिए
@vivekgoel4587
9 күн бұрын
ईश्वर कृपा से मिले हो आचार्य जी नमस्कार आसान तरिके से समझने के लिए ।
@dr.sagarvaidya4401
11 ай бұрын
Explanation is so clear and lucid.. really like your way of explanation.. requesting you to make longer videos on vedas and upnishad and other scriptures of Sanatan Dharma..
Пікірлер: 528