Bhagwan paar Laga do Naiya प्रभु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण और उनके स्वागत के प्रति उल्लास एवं उत्साह व्यक्त करती हुई लिए तिलक की नवीन प्रस्तुति "हर घर मंदिर हर घर उत्सव"।
"Har Ghar Mandir Har Ghar Utsav" -A new presentation by Tilak expressing joy and enthusiasm for the grand temple construction at Lord Shri Ram's Janmbhoomi, Ayodhya.
श्री राम जी जब लक्ष्मण और सीता को साथ लेकर वनवास के लिए निकलते हैं तो उन्हें निषाद राज गंगा नदी के किनारे लेकर जाते हैं जिसे पार करने के लिए वो केवट को बुलाते हैं। केवट श्री राम जी को नाव में बैठाने से मना कर देता हैं। केवट कहता है की आप के चरणों से तो एक पत्थर भी सुंदर नारी में बदल गयी थी यादि मेरी लकड़ी की नाव भी कुछ और में बदल गयी तो मेरा क्या होगा, यह सब केवट सिर्फ़ इसलिए कह रहा था क्योंकि केवट को श्री राम के चरण पखारने की इच्छा थी। जिसे सुन श्री राम उनसे प्रसन्न हो आज्ञा दे देते हैं। श्री राम के चरण पखरने के बाद श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण को नाव में बैठा केवट संग निषाद गंगा नदी को पार कर लेते हैं। माता सीता गंगा मैया की पूजा कर गंगा मैया से आशीर्वाद माँगती है और उनसे वनवास काट कर वापस आते हुए दुबारा दर्शन की विनीति करती हैं। श्री राम लक्ष्मण माता सीता और निषाद केवट से विदा ले कर वन की ओर चल पड़ते हैं।
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