lyrics
श्री लक्ष्मीपति भगवान लाज रखो म्हारी,
दुःख हरो द्वारिका नाथ शरण आयो थारी॥
1. प्रभु मंदिर एक बण्यो हैं सुन्दर अति भारी -२
थारा दर्शन करबा आवे नर और नारी॥
2. प्रभु मोर मुकुट काना विच कुंडल सोहे -२
थार मुख पर मुरली मधुर मधुर मन मोहे॥
3. प्रभु वृंदावन में रास रच्यो अति भारी -२
थार चाँद सूरज की महिमा अपरम न्यारी॥
4. थाने गावे नरसिंग दास बिकांणे वालो -२
म्हारे जुगल जोड़ी को नाथ हैं दिनदयालो॥
॥समाप्त॥
Негізгі бет भजन - दुःख हरो द्वारिका नाथ शरण आयो थारी by Rajaram ji Pujari
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