lyrics
आवण की मन भावण की कोई कहिये गिरधर आवण की॥
1.ये दो नयन कह्यो ना मान,नदियाँ उल्ट आयी सावन की।
2.आप न आव साँवरो पतियाँ ना भेज,बात कर ललचावण।
3.इत गोकुल उत मथुरा नगरी,पंख नहीं उड़ आवण की ।
4.चन्द्रसखी भज बालकृष्ण छवि, श्यामली सुरत मन भावण की॥
॥समाप्त॥
Негізгі бет भजन - कोई कहिये गिरधर आवण की by Gomji Pujari
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