इस भजन में कवि कबीर दास जी कह रहे हैं कि हे मनुष्य रूपी प्राणी इस राम नाम की बूटी को पी लें ताकि संसारिक रोग भोग से मूक्त होकर श्री हरि कि शरण में हमेशा मस्त रह सकें। भजन का बोल हैं-- अरे थारी काया रहें अलमस्त। नाम की पी लें रें बूटी ।।
गायिका सायर चौधरी सहयोग बाज्या पार्टी
प्रस्तुतकर्ता निर्माता निर्देशक @Kavi_RadheShyam_Bajya3107 (जाट) प्रागपुरा जिला जयपुर राजस्थान भारत
Негізгі бет भजन थारी काया रहें अलमस्त। गायिका सायर चौधरी
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