भक्ति में आगे बढ़ने का क्या तरीका है | प्रशांत मुकुंद प्रभु | Progress in bhakti | Prashant Mukund Pr
✨ *भक्ति में आगे कैसे बढ़े*✨
🌸 *Chant*🌸
▪️The first process to move forward in devotion is to *chant*.
नाम चिंतामणिं कृष्ण:
*चैतन्य-रस-विग्रह*:
पूर्ण: शुद्धो नित्य-मुक्तो
' भिन्नतवन नाम-नामिनो:'
(CC Madhya Lila, 17.133)
👉हरी नाम उस दिन से इफेक्ट करता है जिस दिन से आप उसे जपना शुरू किया.
▪️भगवान का नाम पूर्ण शुद्ध है Like गंगा मैया।🙏(She pure even after putting in the dead body.)
▪️90% रामानंदी आचार्यों को जल समाधि दी जाती है।
▪️हरि नाम अपवित्र person अपवित्र स्थिति में भी Jaap कर सकता है।
▪️हरि नाम जिस दिन से जप करना शुरू किया उसी दिन कृष्णा मिल गए हमको।💯
(कलि-काले नाम-रूपे कृष्ण-अवतार:)
▪️जहा कृष्णा का नाम बोलेंगे, वही भगवान प्रकट हो जाएंगे।
▪️इसे नाम प्रभु भी कहते हैं।
▪️जप करने से पहले नाम प्रभु से प्रार्थना करनी चाहिए।मैं आपको जपन जा रहा हूं मेरी बुद्धि मति स्थिति ऐसी रहे प्रार्थना की अवस्था में मैं आपको जाप कर सकें।पूर्ण होने के बाद Thank you करे ,प्रार्थना करें कि मैं आपको सदा जपता रहूं।🙏
▪️There is no rule in this. Can you chant at any time?
▪️जप करते समय यह भाव बना रहना चाहिए।👇🏻
भजाहु रे मन श्री-नंदन:
अभय-कारा अरविन्द रे
दुर्लभा मानव-जन्मा सत-सौगे
तारो ए भव-सिंधु रे
▪️मन चंचल है इसलिए उसे पकड़कर के भगवान के नाम में लाना चाहिए।▪️ जाप करते हैं उसे सुन ले।
👉क्यों मन को बोला जा रहा है?
जो भागवत मार्ग है
इसमें दो विधि है
1.क्रियात्मक 2 .भावात्मक(with feeling)
▪️हमारा संप्रदाय अन्य संप्रदाय से अलग है क्योंकि हम भावनात्मक के भक्ति करते हैं।
▪️हमारा राग मार्ग है।लेकिन हमें विधि के साथ भी भावनात्मक रहना है।
🌸 प्रसादम 🌸
Prabhupadaji says
"everybody cannot digest philosophy but everybody can digest prasadam"
▪️प्रसाद मतलब प्रभु के साक्षात दर्शन।🙇♀️
▪️सृष्टि में जो कुछ भी है वो सारा भगवान का ही है।
ईशा वास्यमिदं सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत्।
*तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा मा गृधः कस्यस्विद्धनम् ॥*(ईशोपनिषद्)🌸 *साधु संग*🌸
'साधु-संग', 'साधु-संग' - सर्व-शास्त्र काया
लावा-मात्रा साधु-संगे सर्व-सिद्धि हय:
(CC Madhya Lila 22.54)
नवधा भक्ति ~श्रवणं ,कीर्तनं, स्मरणं ,पादसेवनम्,
अर्चनं, वन्दनं, दास्यं, सख्यमात्मनिवेदनम्,
👉Prabhupadaji says इनमें से सर्वश्रेष्ठ है श्रवणं
▪️कृष्ण प्रेम हृदय में है, लेकिन श्रवण के प्रति रुचि नहीं रखने पर प्रकट नहीं होता..▪️सत्संग ( साधु संग) भव सिंधु से पार करा देता है।
▪️(जो Chanting नहीं करेगा, पड़ा रहेगा, वह भगवान के धाम नहीं जाएगा और अगले जन्म में वह किसी जानवर बन के वापस उसी घर में आ जाएगा)
▪️ Body से परिवार के रहो, मन से ठाकुर जी के रहो।🙏
▪️ Krishna says मुझे मन और बुद्धि दो (BG)
▪️ Prabhupadaji says नवधा भक्ति में से एक भी विधि आपने पकड़ ली तो आ भगवान के धाम चले जाओगे।
▪️अर्चन विधि(दीया जलाना अगरबत्ती करना for Krishna)
▪️पादसेवनम् ( Offering flowers, fanning, walking to the temple, doing kirtan, dancing,Pressing feet, applying perfume,Cleaning the temple floor.)
▪️आत्मनिवेदन( fullysurrender)
चैतन्य महाप्रभु ने बताया कि दास बन ना बड़ा मुश्किल है।
( CC Madhya Lila 13.80)
nāhaṁ vipro na ca nara-patir nāpi vaiśyo na śūdro
nāhaṁ varṇī na ca gṛha-patir no vanastho yatir vā
kintu prodyan-nikhila-paramānanda-pūrnāmṛtābdher
gopī-bhartuḥ pada-kamalayor dāsa-dāsānudāsaḥ
▪️या तो हम अपने आप को दुख में रखें या वरना हमें कृष्ण दुखी कर देगा... (So that we can move forward in devotion.)
▪️जिस पर मैं कृपा करता हूं, उस व्यक्ति का में धीरे-धीरे धन लेता. (Everything) लेता हूं।
▪️▪️भगवान पुरातन है पर नव यौवन है।
▪️हमें रोज यह लगना चाहिए कि मुझे कृष्ण के बारे में और जानना है और जानना है।और अत्यधिक जाना ना है।
▪️यही कृष्ण का आनंद है कि उनके लिए उत्साहित रहना।
▪️हमें हर वक्त यह कहना चाहिए। भगवान मैं आपको भूल गया।
Prabhupadaji says "Pure devotion of feeling separation"
(नव योगेंद्र जी ने राजा जनक जी को बोला कि संसार में सत्संग /भक्त संघ मिलना बहुत मुश्किल)
*दुर्लभो मानुषो देहो देहिनां क्षणभङ्गुरः*।
तत्रापि दुर्लभं मन्ये वैकुण्ठप्रियदर्शनम्॥ (नव योगेंद्र)
Very beautiful Prabhuji ji... Hare Krishna🙏🏻
Prabhupadaji ki jay 🙏🏻
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