विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में लाखों की संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त उज्जैन में महाकाल का दर्शन करने से पहले बाबा काल भैरव का दर्शन करते हैं, उनके जीवन के सारे पाप मिट जाते हैं. उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है.
आमतौर पर, भस्म आरती में भक्त बनियान और धोती पहनते हैं। यह भस्म आरती की एक पारंपरिक पोशाक है।
उज्जैन को स्वर्ग क्यों कहते हैं?
यह देवताओं का शहर है। स्कंदपुराण के अनुसार, उज्जैन में 84 महादेव, 64 योगिनियां, 8 भैरव और 6 विनायक हैं। महान कवि कालिदास उज्जैन की सुंदरता की प्रशंसा करते हैं और उनके अनुसार उज्जैन स्वर्ग का एक गिरा हुआ भाग है। उज्जैन का एक बड़ा महत्व वैज्ञानिक रूप से इसका केंद्रीय स्थान है।
उज्जैन स्थित बाबा महाकाल देश के एकमात्र ऐसे शिवलिंग हैं, जो दक्षिणमुखी हैं। इसके साथ ही सिर्फ यहीं भस्मारती के पूर्व बाबा को हरिओम जल चढ़ाया जाता है। बाबा के दर्शन से मृत्यु दर्शन यमराज द्वारा दी जाने वाली यातनाओं से भी मुक्ति मिल जाती है।
Негізгі бет bhasm k bina to shiv puja adhura lagta hai | bhasam ki mahima | shiv ji ko bhasm snan kyu krate hai
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