गोपियों के हाथ का बनाया गया मक्खन और छांछ खाने पीने का अलग ही आनंद है।
पहले लोगों के घरों में दूध गरम कर लाल किया जाता था, बनती थी दही।
दही को मथनी के माध्यम से मथ कर मक्खन निकाला जाता था।
छाछ से रोटी भी खाते थे।
मक्खन में गुड़ मिलाकर लोग बड़े चाव से इसका नाश्ता करते थे, भोजन में भी मक्खन का प्रयोग होता था किंतु, नहीं रहे वे दिन।
ब्रज क्षेत्र के भरतपुर स्थित सितारा गांव में एक परिवार के साथ बैठकर मक्खन खाने और छाछ पीने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ।
हमने देखा किस प्रकार यहां की महिलाएं और बेटियां सिर पर घड़े लेकर कुएं से पानी लाती हैं।
बैलेंस और अभ्यास इतना गजब का होता है कि दो-दो, तीन-तीन घड़े सिर पर होते हैं और बिना हाथ पकड़े हुए एक स्थान से दूसरे स्थान तक चली जाती हैं।
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Негізгі бет ब्रज में ऐसे बनता है मक्खन! मक्खन खाया पिया छाछ। ब्रज में कैसे चलती है मथनी? Culture of Brij.
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