महाराजा छत्रसाल ने मुगलों को बुरी तरह से हराया था इतिहास आज भी उन्हें याद रखता है बुंदेलखंड के शेर कहे जाने वाले छत्रसाल का जीवन बहुत संघर्षपूर्ण रहा है इनके पिता चंपत राय जिन्हें धुबेला की जागीर मिली थी उन्होंने मुगलों से बराबर युद्ध किया मगर एक दिन उनके साथ विश्वासघात होगा और धोखे से उन्हें मार दिया गया उस समय छत्रसाल छोटे थे फिर वह बड़े हुए और उन्होंने अपने पिता का बदला लिया और अकेले ही मुगलों से भिड़ गए बुंदेलखंड राज्य को स्वतंत्र बनाया महाराजा छत्रसाल बुंदेला को बुंदेलखंड केसरी के नाम से भी जाना जाता है महाराजा छत्रसाल की कहानी बहुत संघर्षपूर्ण रही है
- Жыл бұрын
बुंदेलखंड के शेर कहें जानें वाले महाराजा छत्रसाल की कहानी
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