'चीफ की दावत' मां की महानता और पुत्र की स्वार्थमय प्रवृत्ति को दर्शाने वाली कहानी है। इस कहानी का पात्र शामनाथ एक ऐसा पुत्र है जो अपने कर्तव्यों को भूलकर अपनी मां को बस स्वार्थ सिद्धि का साधन समझता है। भीष्म साहनी ने इस कहानी के माध्यम से वर्तमान समाज की विसंगति की और हमारा ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है। इस कहानी को सुनने के बाद प्रेमचंद की 'बूढ़ी काकी' याद आना स्वाभाविक है।
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Негізгі бет चीफ़ की दावत । भीष्म साहनी की कहानी । Chief Ki Dawat Story by Bhishma Sahani
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