चांद्रायण साधना संकल्प धारण और उसका प्रयोजन :- Jul 16, 2021
Chandrayan Sadhna: Sankalp Dharan Aur Uska Prayojan
विशेष सन्देश - आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी
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Chandrayn Sadhana Vrat Sankalp | चांद्रायण साधना व्रत संकल्प - श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या जी
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विश्वस्तरीय सामूहिक चाँद्रायण - मासपारायण साधना अनुष्ठान 24 जुलाई 2021 गुरुपूर्णिमा (शनिवार) से 22 अगस्त (रविवार)2021, श्रावणी पूर्णिमा तक (मातृ शक्ति श्रद्धांजलि वर्ष* 2020 - 2026)
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सामूहिक शिशु चाँद्रायण🌖 मासपारायण साधना अनुष्ठान का उद्देश्य
महामारी उन्मूलन
सभी के निरोग जीवन - उज्जवल भविष्य और शक्ति संरक्षण हेतु
विश्वकल्याण हेतु🙏
गुरुसत्ता के सूक्ष्म संरक्षण में *सामुहिक चाँद्रायण व मासपारायण साधना अनुष्ठान विगत कुछ वर्षों से देश-विदेश के साधकों ने मिलकर समूहशक्ति का परिचय देते हुए प्रतिवर्ष गुरुपूर्णिमा से श्रावणी पूर्णिमा तक विश्वस्तर पर ऑनलाइन सम्पर्क द्वारा *व्हाट्सएप के माध्यम से आत्मशोधन एवं प्रायश्चित की साधना (चांद्रायण) प्रारम्भ की है । इस वर्ष भी COVID -19 की परिस्थियों को देखते हुए स्वास्थ्य व अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता को ध्यान रखते हुए, स्वेच्छा से *शिशु चाँद्रायण -(2 रोटी सब्जी प्रतिदिन) मासपारायण (दोनों समय भूख से कम सात्विक भोजन लेते हुए )अनुष्ठान करने का संकल्प साधक अपने घरों में रहते हुए ले सकते हैं |
➡️ संकल्प की तिथि : 23 जुलाई शुक्रवार को सायंकाल
ध्यान दें :- 1️⃣ कोविड की प्रतिकूल परिस्तिथियों को देखते हुए साधको को पूर्ण मृदु (आहार घटने बढ़ने वाला ) अनुष्ठान नही करना है ☝️ शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता का विशेष ध्यान रखना है|
2️⃣ - जिनकी आयु 60 या उससे अधिक है किसी भी प्रकार की कोई भी बीमारी जैसे डाइबिटीज है या high B.P low B.P .. Heart के रोगी या जो कोविड से संक्रमित हुए हो चिकित्सक से परामर्श कर के ही करे स्वास्थ्य पर विपरीत असर हो ऐसा कोई कार्ये न करे। वे मासपारायण ही करे | 🙏
3️⃣ जिन परिजनों ने नौदिवसीय सत्र, युग शिल्पी सत्र या 1.25 लाख के अनुष्ठान किये हैं केवल वे ही साधक-चाँद्रायण के लिए मनोभूमि बनायें ।
4️⃣ मासपारायण कोई भी साधक कर सकते है |
5️⃣ जप संख्या - पूर्णकालिक हेतु 42 माला + 1प्रायश्चित की 42+1=43 (साढ़े तीन से चार घंटे का जप) प्रतिदिन तथा अन्य साधक 30 माला 1 प्रायश्चित की 30 +1= 31 (2.5 से 3 घंटे की जपसाधना) प्रतिदिन कर सकते हैं।
6️⃣ अनुष्ठान में साधकों का आहार इस प्रकार रहेगा :-
शिशु चाँद्रायण साधकों के आहार : - प्रतिदिन (8 ग्रास) अर्थात दो रोटी निर्धारित सब्जी (सब्जी पेटभर ली जा सकती है ) सलाद । एक समय फल और दूध या रसाहार।.
जूस छाछ नींबू पानी शहद कई बार लिया जा सकता है ।
8️⃣ मासपारायण साधको का आहार -
सुबह शाम दो - दो रोटी, निर्धारित सब्जी, सलाद, फल, जूस - सूप इत्यादि।
➡️ ध्यान दे☝️कोई भी मिर्च मसाले-तेल, लालमिर्च, हींग व तले भुने पदार्थ अनुष्ठान में निषेध रहेंगे
9️⃣ अनुष्ठान की सब्जी या दाल दलिया आदि में देशी घी, जीरा, हरा धनियापत्ती पुदीना पत्ती, अदरक, सेंधा नमक, काली-मिर्च, हरि-मिर्च आदि का प्रयोग कर सकते हैं।
1️⃣0️⃣ शरीर निरोग रहे इसलिए इम्यूसनिटी बेहद जरूरी है। ऐसे दौर में जब पूरी दुनिया वायरस के चपेट में तो हमें कोशिश करनी होगी कि हम कुछ ऐसा आहार रखें, जिससे हमारे शरीर की Immunity (रोगप्रतिरोधक क्षमता) बनी रहे ।
1️⃣1️⃣ चान्द्रायण व्रत आत्मशोधन की महत्वपूर्ण साधना है | इसे प्रायश्चित तप भी कहा जाता हैं | इस उच्चस्तरीय, साधना विज्ञान में भी शारीरक , मानसिक मलिनताओं के निष्कासन पर जोर दिया गया है | हर साधक को अपना पाप कर्म समर्थ गुरु को ही बताकर/ लिखकर अथवा शांतिकुंज ( ईमेल/ डाक से ) भेज कर ही साधना प्रारम्भ करनी चाहिए
1️⃣2️⃣ जप के साथ स्वाध्याय अति आवश्यक है
☝️इसलिए उच्चस्तरीय साधना में निम्न साहित्य का स्वाध्याय अवश्य करना है📕
1- चान्द्रायण कल्प साधना
2- आंतरिक कायाकल्प का सरल सुनिश्चित विधान
3- ब्रहवर्चस्व साधना की ध्यान धारणा
व्यक्तित्व विकास हेतु उच्चस्तरीय साधनाये।
1️⃣3️⃣ *साधना के लिए तप
तितिक्षा आवश्यक है किन्तु समय को ध्यान में रखते हुए कठिन तप न करके छोटे- छोटे तप का अभ्यास करें | जैसे इंद्रिय सयंम, आहार संयम (चटोरेपन पर अंकुश सात्विक अन्न ग्रहण करे), वाणी सयंम (यथा सम्भव मौन का प्रयास करें एवं ब्रह्मचर्य का पालन करे* |
अर्थ सयंम - फिजूलखर्ची पर रोक लगाए समाज आराधना व प्रकृति संवर्धन हेतु धन का सदुपयोग करे।
समय संयम - , गजेट्स से दूरी बनाए, मोबाइल पर व्यर्थ बातचीत में समय बर्बाद न करे, समय का सदुपयोग करे | #समय ही धन है☝️
विचार संयम - जप व स्वाध्याय व चिंतन मनन में शक्ति का नियोजन करे
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| विस्तृत मार्गदर्शन हेतु प.पू गुरुदेव द्वारा लिखित चान्द्रायण कल्प साधना (SA 22) का सन्दर्भ लें |
Note: चान्द्रायण व्रत एवं मासपारायण की यह साधना साधकों को अपने घर पर रह कर ही संपन्न करनी है । इसके लिए शांतिकुंज नहीं आना होगा । पंजीयन करने का उद्देश्य सभी साधकों की सूचना एकत्र करना एवं शांतिकुंज स्तर पर दोष परिमार्जन, संरक्षण एवं मार्गदर्शन की व्यवस्था करना है । अतः चांद्रायण, मासपारायण करने का संकल्प ले रहे साधकगण अपनी लिस्ट दिए गए मोबाइल नंबर पर भेजें।
सम्पर्क नम्बर@ 9258360652,91998 96908, 8209319828📞☎️
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