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मुंशी प्रेमचंद भारतीय साहित्य के प्रमुख और प्रसिद्ध कथाकार थे। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस में हुआ था। प्रेमचंद ने अपने जीवनकाल में लघुकथाओं, उपन्यासों, नाटकों, और लेखन की विभिन्न रचनाओं के माध्यम से समाज में विभिन्न समस्याओं को उजागर किया। उनकी रचनाओं में मुख्य रूप से गाँव की जीवनशैली, समाज में असमानता, गरीबी, और व्यक्तिगत न्याय की मांग को उजागर किया गया। प्रेमचंद की प्रमुख रचनाएं में "गोदान", "गबन", "नमक का दरोगा", "ईदगाह", "सेवा सदन" आदि शामिल हैं। उनका लेखन आधुनिक हिंदी साहित्य को एक नया दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रेमचंद को "उपन्यास सम्राट" भी कहा जाता है और उनका योगदान हिंदी साहित्य के विकास में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
चोरी - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी | Chori - A Story by Munshi Premchand
@TulikaChaturvedi1
📖 "चोरी" - मुंशी प्रेमचंद की एक प्रसिद्ध कहानी जो नैतिकता और सामाजिक न्याय के महत्वपूर्ण संदेश को प्रस्तुत करती है। इस कहानी में, हम एक व्यक्ति के अंतर्निहित द्वेष और उसके अपराधों के प्रति समाज की प्रतिक्रिया को समझते हैं।
🌟 मुख्य बातें:
नैतिकता और इमानदारी: एक व्यक्ति के नैतिकता और इमानदारी के महत्व को समझना।
समाजिक न्याय: समाज में न्याय और इंसाफ की महत्वपूर्णता को समझना।
व्यक्तिगत द्वेष: व्यक्तिगत द्वेष के प्रभाव को समझना और उससे बचने के उपाय।
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Негізгі бет "चोरी"- मुंशी प्रेमचन्द की लिखी कहानी | "Chori" A story by Munshi Premchand| Tulika Chaturvedi
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