बहुत अच्छी प्रस्तुति, और अच्छी गायकी भाई जलसिंह जी = पर भईया जी, मोह, को ही तो काम कर्रो है गयो = तुम तो कहते हो के, जब मन में मोह नहीं रखते तो मनमोहन नाम धराया क्यों, लेकिन भईया सत्य तो ये है के, राधा रानी तो आलती पालती मार के ही भीतर बैठ गई है... जी तो काम कैडो पड़ गो ।। और राधा जी को कोई होश ही नहीं, लेकिन बो करे भी क्या बेचारी... ।। दोस्तों = आदमी एक दुकान है, और जुबान इसका ताला है = जब ताला खुलता है तभी पता चलता है के,दुकान सोने की है या कोयले की है ।। हर प्राणी के जीवन में शब्दों का महत्व बहुत बड़ा होता है ।।
@aneksinghgurjar3646
11 ай бұрын
लेकिन ये दुकान तो भईया पूरी तरह से सोने से ही भरी हुई है, केबल सोना ही है और तो कुछ भी नहीं = लेकिन ताला तुम अभी तक नहीं खोल पाए, कोशिश भी नहीं की, क्योंकि आपको अभी तक चावी ही नहीं मिली, लेकिन बो चाबी तो आप में से ही किसी एक के पास है, इस दुकान की ,इस ताले की एक मात्र बही तो चाबी है,जो आलती पालती मारके,आशन लगा के,दिल के अंदर बैठी है।।
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