छठ गीत New Version | काँच ही बाँस के बहंगिया I Kaanch Hi Baans Ke Bahangiya | Chatha Puja Short Film
Ricky Mishra Presents the Musical Short Film ''Kaanch Hi Baans Ke Bahangiya'' Ft. Anuj Bhardwaj & Nivedita Mishra ,Sung by "RICKY MISHRA, ANURAG MISHRA & MANDIP KAUR" Music & Composer - RICKY MISHRA
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HAR HAR MAHADEV
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AUDIO CREDITS
Title : Kaanch Hi Baans Ke Bahangiya ( काँच ही बाँस के बहंगिया )
Music - Ricky Mishra
Singer- Ricky Mishra, Anurag Mishra & Mandip Kaur
Lyrics- Traditional & Santosh Kumar
Arranged and Programmed by- R P Sony
Mixed and Mastered by- R P Sony ( Shri Janki Studio )
Flute- Swarup Mukherjee
Guitar - Anirban Chakraborty
Guitar & Flute Dubbed at - Impression Studio by Sajan Koley
Produced by- Mandip Kaur
Music Label- MAGZIK RECORDS
All Copy Right Reserved to MAGZIK RECORDS
VIDEO CREDITS
Director - Ricky Mishra
Featuring - Anuj Bhardwaj , Nivedita Mishra
Dop & Editor - Ashis Mondal
Concept - Ricky Mishra & Mandip Kaur
Makeup - Mandip Kaur
Drone Operator - Alak
Supporting Cast -
Maa - Meera Shetty
Branch Manager (Boss ) - Amit Gaurav
Manager Daughters - Akshita & Aanshi
Family - Ricky Mishra & Mandip Kaur
Voice Over Artists
Maa - Poonam Kapildeo
Special Thanks to Meera Aunty & Poonam Kapildeo
हमारे भारत में छठ पूजा, जिसे कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है, यह केवल एक महापर्व ही नहीं है, बल्कि एक सच्ची भावना है जो हम सभी को एक दूसरे के साथ जोड़ कर रखती है। यही एक ऐसा महापर्व है जिसमें अगर परिवार के कुछ सदस्य अपनी रोजी-रोटी के लिए अपने घर से बाहर या विदेश में भी रहते हैं तो उन्हें इस पवित्र त्योहार की भावना उन्हें अपने घर की ओर खींच कर ले ही जाती है चाहे उन्हें अपने घर आने के लिए कार्यालय से अवकाश मिले या न मिले, किसी भी परिस्थिति में वो अपने देश या घर आ ही जाते है।
छ्ठ पूजा को महापर्व इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सूर्य ही एकमात्र प्रत्यक्ष देवता हैं जिनकी पूजा सामने से की जाती है और छठ पूजा में उगते हुए और डूबते हुए सूर्य की आराधना की जाती है। वेद पुराणों में संध्या कालीन छठ पूर्व को संभवतः इसलिए प्रमुखता दी गई है ताकि संसार को यह पता लग सके कि जब तक हम अस्त होते सूर्य अर्थात बुजुर्गों को आदर सम्मान नहीं देंगे, तब तक उगता सूर्य अर्थात नई पीढ़ी उन्नत और खुशहाल नहीं होगी। यही छठ पूजा की संध्या कालीन वंदन का मुख्य उद्देश्य होता है।
यह पर्व हमें यह भी संदेश देता है कि जीवन में हमें सिर्फ उन्हें ही सम्मान नहीं देना चाहिए जो आगे बढ़ते हैं बल्कि समय आने पर उनका भी साथ देना चाहिए जो हमसे पीछे छूट गए हैं या जिनका महत्व कम हो गया हो। छठ वैसे पर्व ही नहीं महापर्व है और राज्य स्तर पर तो अवकाश घोषित है परंतु हम भारतीयों का इस महापर्व से अत्यधिक लगाव एवं जुड़ाव होने के कारण आज के दौर में हमारे देश के विभिन्न जगहों में लगभग इस पवित्र त्योहार को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।
अतः सरकार से हमारा विनम्र अनुरोध है कि हम सभी भारतीय की भावनाओं को देखते हुए इस महापर्व को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित करने की कृपा करें ताकि परिवार के सभी सदस्य एकसाथ मिलकर इस महापर्व को मना सकें।
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