इस वीडियो में नरमा के बारे में जानकारी दी गई है नरमा में लगने वाले कीट गुलाबी सुंडी और फेरोमेन ट्रैप और इनकी स्प्रे के बारे मैं जानकारी दी गई है
कपास की खेती भारत की सबसे महत्वपूर्ण रेशा और नगदी फसल में से एक dds| कपास की खेती लगभग पुरे विश्व में उगाई जाती है। यह कपास की खेती वस्त्र उद्धोग को बुनियादी कच्चा माल प्रदान करता है। भारत में कपास की खेती लगभग 6 मिलियन किसानों को प्रत्यक्ष तौर पर आजीविका प्रदान करता है और 40 से 50 लाख लोग इसके व्यापार या प्रसंस्करण में कार्यरत है। कई लोगो के लिए कपास कमाई का साधन भी है।
हमारे देश में कपास की खेती को सफेद सोना भी कहा जाता है। देश में व्यापक स्तर पर कपास उत्पादन की आवश्यकता है। क्योंकी कपास का महत्व इन कार्यो से लगाया जा सकता है इसे कपड़े बनते है, इसका तेल निकलता है और इसका विनोला बिना रेशा का पशु आहर में व्यापक तौर पर उपयोग में लाया जाता है।
Seed Specification
कपास को तीन श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है :-
देखा जाये तो लम्बे रेशा वाले कपास को सर्वोतम माना जाता है जिसकी लम्बाई 5 सेंटीमीटर इसको उच्च कोटि की वस्तुओं में शामिल किया जाता है। मध्य रेशा वाला कपास (Cotton) जिसकी लम्बाई 3.5 से 5 सेंटीमीटर होती है इसको मिश्रित कपास कहा जाता है। तीसरे प्रकार का कपास छोटे रेशा वाला होता है। जिसकी लम्बाई 3.5 सेंटीमीटर होती है।
बीज की मात्रा :-
बीज की मात्रा बीजों की किस्म, उगाये जाने वाले इलाके, सिंचाई आदि पर बहुत ज्यादा निर्भर करती है। अमेरिकन हाइब्रिड कपास के लिए 1.5 - 2 किलो प्रति एकड़ जबकि अमेरिकन कपास के लिए बीज की मात्रा 3.5 - 4 किलो प्रति एकड़ होनी चाहिए। देसी कपास की हाइब्रिड किस्म के लिए बीज की मात्रा 1.25 - 2 किलो प्रति एकड़ और कपास की देसी किस्मों के लिए 3 - 4 किलो प्रति एकड़ होनी चाहिए।
बीज उपचार :-
बीज जनित रोग से बचने के लिये बीज को 10 लीटर पानी में एक ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन या ढाई ग्राम एग्रीमाइसिन के घोल में 8 से 10 घंटे तक भिगोकर सुखा लीजिये इसके बाद बोने के काम में लेवें।
जहां पर जड़ गलन रोग का प्रकोप होता है, ट्राइकोड़मा हारजेनियम या सूडोमोनास फ्लूरोसेन्स जीव नियंत्रक से 10 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें या रासायनिक फफूंदनाशी जैसे कार्बोक्सिन 70 डब्ल्यू पी, 3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज या कार्बेन्डेजिम 50 डब्ल्यू पी से 2 ग्राम या थाईरम 3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें।
कुदरती ढंग से रेशा हटाने के लिए बीजों को पूरी रात पानी में भिगोकर रखें, फिर अगले दिन गोबर और लकड़ी के बुरे या राख से बीजों को मसलें। फिर बिजाई से पहले बीजों को छांव में सुखाएं।
-उपचारित कर बोने से पैदावार में वृद्धि होती है।
बुवाई का समय :-
कपास की बुवाई का उपयुक्त समय अलग - अलग क्षेत्रों में भिन्न होता है। इस फसल की बुवाई अप्रैल और मई के महीने में अवश्य ही कर लेनी चाहिये ।
बीज रोपाई का तरीका :-
देसी कपास की बिजाई के लिए बिजाई वाली मशीन का प्रयोग करें और हाइब्रिड या बी टी किस्मों के लिए गड्ढे खोदकर बिजाई करें। आयताकार के मुकाबले वर्गाकार बिजाई लाभदायक होती है। कुछ बीजों के अंकुरन ना होने के कारण और नष्ट होने के कारण कईं जगहों पर फासला बढ़ जाता है। इस फासले को खत्म करना जरूरी है। बिजाई के दो सप्ताह बाद कमज़ोर, बीमार और प्रभावित पौधों को नष्ट कर दें।
फासला :-
अमेरिकन कपास के लिए सिंचित स्थिति में 75x15 सैं.मी. और बारानी स्थिति में 60x30 सैं.मी. का फासला रखें। देसी कपास के लिए सिंचित और बारानी स्थिति में 60x30 का फासला रखें।
Land Preparation & Soil Health
भूमि :-
कपास की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी और काली मिट्टी को सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस तरह की मिट्टी में कपास की पैदावार ज्यादा होती है। लेकिन आज कई तरह की संकर किस्में बाज़ार में आ चुकी हैं। जिस कारण आज कपास को पहाड़ी और रेतीली जगहों पर भी आसानी से उगाया जा रहा है। इसके लिए जमीन का पी.एच. मान 5.5 से 6 तक होना चाहिए। कपास की खेती को पानी की कम जरूरत होती है। इस कारण इसकी फसल अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में की जानी चाहिए।
भूमि की तैयारी :-
रबी की फसल की कटाई के पश्चात् खेत की मिट्टी पलटने वाले हल से एक गहरी जुताई करनी चाहिये । इसके पश्चात् दो या तीन बार हैरो चलाकर खेती की मिट्टी को बारीक व भुरभुरा बना लेना चाहिये । इस प्रकार खेत बुवाई के लिये तैयार हो जाता है।
तापमान :-
फसल के उगने के लिए कम से कम 16 डिग्री सेंटीग्रेट और अंकुरण के लिए आदर्श तापमान 32 से 34 डिग्री सेंटीग्रेट होना उचित है। इसकी बढ़वार के लिए 21 से 27 डिग्री तापमान चाहिए। फलन लगते समय दिन का तापमान 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट तथा रातें ठंडी होनी चाहिए।
वर्षा
Негізгі бет Cotton crop early management for good yield//Cotton pink bollworm control//cotton seed treatment
Пікірлер: 3