दूब और मोथा खरपतवार से छुटकारा और उत्पादन दोगुना का असली जुगाड़ ॥
यह सत्य है कि खरपतवारों की उपस्थिति फसल की उपज को कम करने में सहायक है। किसान जो अपनी पूर्ण शक्ति व साधन फसल की अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए लगाता है। ये अनैच्छिक पौधे इस उद्देश्य को पूरा नहीं होने देते। खरपतवार फसल के पोषक, तत्व, नमी, प्रकाश, स्थान आदि के लिए प्रतिस्पर्धा करके फसल की वृद्धि, उपज एवं गुणों में कमी कर देते है। खरपतवारों से हुई हानि किसी अन्य कारणों से जैसे कीड़े, मकोड़े, रोग, व्याधि आदि से हुई हानि की अपेक्षा अधिक होती है
आमतौर पर विभिन्न फसलों की पैदावार में खरपतवारों द्वारा 10 से 85 प्रतिशत तक की कमी आंकी गई है। लेकिन कभी-कभी यह कमी शत-प्रतिशत तक हो जाती है। खरपतवार फसलों के लिए भूमि में निहित पोषक तत्व एवं जमी का एक बड़ा हिस्सा शोषित कर लेते हैं तथा साथ ही साथ फसल को आवश्यक प्रकाश एवं स्थान से भी वंचित रखते है। फलस्वरूप पौधे की विकास गति धीमी पड़ जाती है एवं उत्पादन स्तर गिर जाता है
जिस खेत में मोथा की गहनता हो उस खेत को वर्षा प्रारम्भ्रा होने के पश्चात खाली छोड दिया जाय । ‚लाइफोसेट 41 प्रतिशत की 4 ली/हे. मात्रा 400-500 लीटर पानी में घोल कर बनाकर मध्य अगस्त से मध्य सितम्बर तक मोथा की तीव्र वृद्धि की अवस्था पर छिडकाव किया जाय। छिडकाव के बाद सभी खरपतवार 10-15 दिन में सूख जाते है।
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Негізгі бет दूब और मोथा घास से छुटकारा और उत्पादन दोगुना करने का असली जुगाड़ ॥ Weed Management in Farming
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