This week on Bol, Daniya Rahman reads 'जहाँ मेरा देश था' from Savita Singh's book, 'प्रतिरोध का स्त्री-स्वर'.
"कामना थी जहाँ लहराती वासना है
जहाँ खुशी थी दुख की गझिन छाया है
जहाँ सारा साहस था वहाँ गजब की लाचारी है
जहाँ मेरा देश था अब वहाँ एक बाज़ार है"
Негізгі бет Daniya Rahman reads 'जहाँ मेरा देश था' | BOL
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